समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आजतक की ओर से आयोजित 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान 'पीडीए की फाइनल परीक्षा'सेशन में समसामयिक मामलों पर आधारित सवालों के जवाब दिए. उन्होंने इस दौरान SIR, ईवीएम, विधानसभा चुनाव की तैयारी, बिहार चुनाव पर अपनी बात रखी.
इसी दौरान एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने सत्ता में वापसी पर गरीब महिलाओं को सालाना 40 हजार रुपये देने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, यूपी अलग है और यहां पीडीए अगले चुनाव जो 2027 में होने वाले हैं, उसके लिए तैयार है. इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि '2027 का यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेंगे.'
इंडिया गठबंधन में शामिल है सपा- अखिलेश यादव
एजेंडा आजतक के मंच से बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी बात कह दी. 2027 के चुनाव के सवाल पर अखिलेश ने स्पष्ट कहा कि समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन में है और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि साथियों को छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें समझाना चाहिए.
योगी सरकार की बुलडोजर पॉलिटिक्स पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कफ सिरप के आरोपों वाले नाम तक आ गए लेकिन बुलडोजर की चाबी खो गई है. उन्होंने दावा किया कि अब तक जितनी 24 बुलडोजर कार्रवाइयां हुई हैं, उनमें से 22 पीडीए समुदाय के लोगों पर की गई हैं.
पीडीए का बताया ये अर्थ
जब सपा अध्यक्ष से पूछा गया कि आपने चुनाव के दौरान जो 'पीडीए' टर्म गढ़ा है और अभी भी आप इसका इस्तेमाल कर रहे हैं और कई मौकों पर इसकी बात करते हैं, इसका फुलफॉर्म क्या है. इसमें कौन आते हैं और इसका क्या अर्थ है. इस पर अखिलेश यादव ने कहा- मैं पीडीए का पूरा मतलब आपको समझा देता हूं. इसमें सिर्फ 'तीन' ही अर्थ नहीं है. पीडीए का अर्थ है, पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी, आधी आबादी, पीड़ित दुखी, ए से अपमानित, ए से जिनके अंदर अपनापन हो वो, डी से जिनमें दया की भावना हो वह सभी. इतना कहकर अखिलेश कुछ देर चुप हुए और फिर बोले- इनमें ए से अच्छे अगड़े भी आते हैं.
जब उनसे पूछा गया कि अच्छे और बुरे अगड़े मतलब, वो कौन होते हैं? तब अखिलेश यादव ने कहा कि, जो भेदभाव करते हैं वो बुरे अगड़े होते हैं. जो हमारे जाने के बाद मंदिर को गंगाजल से धुलवाते हैं वो अच्छे नहीं हो सकते हैं.
वंदे मातरम् मुद्दे पर क्या बोले अखिलेश यादव?
इसके अलावा अखिलेश यादव ने वंदे मातरम् और चुनाव सुधारों पर भी बात की. उन्होंने वंदे मातरम् की बहस पर कहा कि यह पूरा विवाद उसी समय खत्म हो गया था, जब संविधान सभा ने यह तय कर दिया था कि क्या गाया जाएगा और कितना गाया जाएगा. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर की सहमति से यह सवाल स्पष्ट हो चुका है, इसलिए अब इस मुद्दे पर बहस करने वाले संविधान को मानने वाले नहीं हैं.
अखिलेश ने 2022 के चुनाव को लेकर भी बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि उस चुनाव में सपा समर्थकों का वोट कटवाया गया था. जब उन्होंने यह आरोप सार्वजनिक रूप से लगाया, तब चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा. इसके जवाब में उन्होंने 18,000 लोगों के शपथपत्र जमा किए, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.