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Wall to Wall Review: आम आदमी के संघर्ष को सस्पेंस के साथ दिखाएगी 'वॉल टू वॉल', स्लो स्क्रीनप्ले करेगा बोर

इंडिया में कोरियन ड्रामा फिल्मों का क्रेज काफी ज्यादा है. लोग इनकी रोमांटिक फिल्मों के दीवाने रहते हैं. लेकिन आज मैंने देखी इनकी क्राइम और सस्पेंस से भरी फिल्म 'वॉल टू वॉल' जिसमें कोरियन एक्टर कांग हा-न्यूल शामिल हैं. कैसी है ये फिल्म?

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कोरियन ड्रामा फिल्म वॉल टू वॉल का रिव्यू
कोरियन ड्रामा फिल्म वॉल टू वॉल का रिव्यू
फिल्म:वॉल टू वॉल
2.5/5
  • कलाकार : कांग हा-न्यूल, येओम हये-रान और सेओ ह्यून-वू
  • निर्देशक :किम ताए-जून, शैरन एस. पार्क

इंडिया में ना जाने क्यों लेकिन कोरियन ड्रमा और म्यूजिक का क्रेज लोगों के बीच काफी ज्यादा है. खासतौर पर 'स्क्विड गेम' सीरीज और 'बीटीएस' म्यूजिक बैंड को लेकर उनकी दीवानगी का लेवल बहुत ऊपर है. ऐसा सुनने में मिलता है कि इन कोरियन ड्रामा और म्यूजिक में एक अलग बात होती है जिसे हर कोई महसूस नहीं कर सकता. इसी तलाश में मुझे म‍िली हाल ही में रिलीज हुईं एक क्राइम-सस्पेंस-थ्रिलर फिल्म 'वॉल टू वॉल'. कैसी है ये फिल्म? क्या इसने मेरा ध्यान के-ड्रामा फिल्मों की तरह खींचा? आइए, आपको विस्तार से समझाने की कोशिश करता हूं.

क्या है 'वॉल टू वॉल' का मसला?

ये कहानी है Woo-seong (Kang Ha-neul) की जो दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में काम करता है. वो एक कंपनी में मामूली सी नौकरी करता है जिससे उसकी जिंदगी में कुछ भी खास नहीं होता है. जहां एक वक्त वो अपनी मंगेतर के साथ एक खुशहाल जीवन बिता रहा था. वहीं कुछ पलों के बाद उसपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. उसे दिन में नौकरी करने के बाद रात में खाने की डिलीवरी का काम भी करना पड़ता है. वू-सुंग की जिंदगी में सिर्फ संघर्ष ही लिखा है. 

जब वो अपने अपार्टमेंट में वापस आता है तो उसे उसके पड़ोसी आवाज करके परेशान करते रहते हैं. एक दिन उनसे तंग आकर वो उन्हें शोर बंद करने के लिए भी कहता है. लेकिन असलि‍यत में शोर किस घर से आ रहा होता है, उसे इसकी जानकारी नहीं होगी. वू-सुंग को अपनी आर्थिक स्थिति भी सुधारनी है जिसके लिए वो शेयर बाजार में अपनी सारी बचत कमाई लगा देता है.

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लेकिन उसके जिद्दी पड़ोसी आवाज कर करके उसकी जिंदगी नरक बना देते हैं. वू-सुंग इन सबसे तंग आ चुका है. अब उसे कैसे भी करके शोर मचाने वाले का पता लगाना है जो उसे बार-बार परेशान कर रहा है. क्या वू-सुंग इस कोशिश में कामयाब हो पाएगा? क्या वो उसे परेशान करने वाले को सुरक्षित पकड़ पाएगा? यही इस फिल्म का पूरा मसला है जिसमें खूब सारा टेंशन और सस्पेंस भरा है.

अच्छी है एक्टिंग, मगर कमजोर है डायरेक्शन, धीमा है स्क्रीनप्ले

'वॉल टू वॉल' की कहानी लगभग हर उस घर की कहानी में से है जिनके पड़ोसी उन्हें विचित्र कारणों से परेशान करने का मौका ढूंढते रहते हैं. डायरेक्टर ने पूरी कोशिश की है कि वो इस फिल्म में हर संभव सस्पेंस डाल सकें जिससे फिल्म देखते वक्त माहौल काफी टेंशन से भरा हो जाए. लेकिन इस कोशिश में इसका स्क्रीनप्ले काफी धीमा नजर आता है. बीच-बीच में कई ऐसे मौके आते हैं जब आप वू-सुंग की कहानी से चिढ़ने लग जाएंगे.

फिल्म अपने मुद्दे पर जरूर टिकी रहती है लेकिन आपको बीच-बीच में बोर भी करती रहती है जिससे देखने का मजा उतना नहीं बन पाता है. फिल्म में एक-दो ऐसे सीन्स हैं जहां आपकी टेंशन काफी ज्यादा बढ़ेगी. मगर कई जगहों पर ये आपके सब्र का इम्तिहान लेगी. फिल्म सिर्फ 2 घंटे की है लेकिन ये आपके दिमाग को थकाने का भी काम करती है. हालांकि इसमें सभी एक्टर्स का काम शानदार रहा है. जैसी मेरी सोच थी कि कोरियन आर्टिस्ट अपनी फिल्मों में जरूरत से ज्यादा चमकते नजर आएंगे, यहां वैसा नहीं है.

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यहां देखें 'वॉल टू वॉल' का ट्रेलर:

क्यों देखें 'वॉल टू वॉल'?

'वॉल टू वॉल' एक ऐसी कहानी है जिसमें अंत तक सस्पेंस बरकरार रहता है. इसकी कहानी अंत तक ये खुलासा नहीं करती है कि आखिर कौन है जो वू-सुंग को परेशान करना चाहता है. हालांकि ये अपने आप में उलझी हुई सी लगती है. मेकर्स का इस फिल्म से क्या बताने या दिखाने का इरादा था, ये अंत तक नहीं पता चला. अब ये कोई अच्छी बात है या बुरी इसको समझ पाना फिलहाल मुश्किल है. अगर आप मिस्ट्री-थिलर फिल्मों के फैन रहे हैं और टाइमपास के लिए कोई फिल्म देखना चाहते हैं तो इसे एक मौका जरूर दे सकते हैं. 

क्या 'वॉल टू वॉल' ने के-ड्रामा के लिए बदली मेरी सोच?

ये पहला मौका था जब मैंने किसी कोरियन फिल्म को देखने की कोशिश की और सच कहूं तो इसने मुझे उतना निराश नहीं किया जितने की मैं उम्मीद कर रहा था. के-ड्रामा बनाने वालो का तरीका भले ही हॉलीवुड-बॉलीवुड से अलग हो. मगर इनका प्रेजेंटेशन किसी से भी कम नहीं लगा जिसे देखकर मैं सचमुच इंप्रेस हुआ. 'वॉल टू वॉल' ने कोरियन ड्रामा की तरफ देखने का मेरी नजरिया कुछ हद तक बदला.

अगर आप भी के-ड्रामा देखना शुरू करना चाहते हैं, तो बिना किसी झिझक और सोच के इनके कंटेंट को देख सकते हैं. ये आपको अपनी स्टोरीटेलिंग और प्रेजेंटेशन से हैरान करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. मेरा के-ड्रामा देखने का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस काफी अच्छा था और उम्मीद है कि आगे भी के-ड्रामा मुझे अपनी स्टोरीटेलिंग से हैरान करते रहेंगे. बता दें कि 'वॉल टू वॉल 18' जुलाई के दिन नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी. 

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