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Dhurandhar Review: कराची की गैंगस्टरबाजी, आतंकवाद की जड़ें, इंडियन मिशन से बना दमदार फर्स्ट हाफ, रणवीर का धांसू काम

रणवीर सिंह की मचअवेटेड फिल्म धुरंधर रिलीज हो चुकी है. इसका भौकाल सिनेमाघरों में देखने को मिल रहा है. फिल्म का फर्स्ट हाफ दमदार है. रणवीर सिंह ने एक बार फिर पावरपैक्ड परफॉर्मेंस दी है. जानें कैसी बनी है फिल्म...

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फिल्म धुरंधर में रणवीर सिंह का शानदार काम (Photo: Instagram/@ranveersingh)
फिल्म धुरंधर में रणवीर सिंह का शानदार काम (Photo: Instagram/@ranveersingh)

'धुरंधर' के ट्रेलर से ही दिख रहा था कि 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' के डायरेक्टर आदित्य धर इस बार कुछ दिलचस्प लेकर आ रहे हैं. अक्षय खन्ना, अर्जुन रामपाल, संजय दत्त के किरदार 'धुरंधर' के ट्रेलर में जबरदस्त भौकाली लग रहे थे. हीरो रणवीर सिंह को इनका सामना करना है, ये क्लियर था. पर उनके किरदार के बारे में ज्यादा कुछ रिवील नहीं किया गया था. रिलीज से पहले फिल्म को लेकर काफी माहौल बनाने की कोशिश भी हुई― पॉजिटिव और नेगेटिव, दोनों टाइप से. मगर एक बात तय थी कि 'धुरंधर' में जनता की दिलचस्पी तो काफी है. तभी लोग इतने मूड में फिल्म की तारीफें करने या पोस्टमार्टम करने के लिए तैयार हैं. और इस दिलचस्पी ने ही हमें भी ये देखने थिएटर तक पहुंचा दिया कि आखिर 'धुरंधर' में है क्या.

दमदार कहानी का बिल्ड-अप है फर्स्ट हाफ
भारत के खिलाफ होती आतंकी साजिशों से. प्लेन हाईजैक, संसद पर अटैक के बाद आई बी चीफ अजय सान्याल ने पाकिस्तानी आतंकवाद की जड़ खोदने का एक एम्बिशस प्लान बनाया है. प्लान का नाम है― धुरंधर. मकसद है― पाकिस्तान के आतंकी इरादों को अंदर से खोखला करने का. और सबसे बड़ा हथियार है― हमज़ा अली मजारी (रणवीर सिंह).

फर्स्ट हाफ में हमज़ा पाकिस्तान में एंट्री ले रहा है. ल्यारी टाउन की गैंगबाजी सेटअप होती है. रहमान डकैत (अक्षय खन्ना) के खौफ से आपका सामना होता है. हमजा उसकी गैंग में जगह बना रहा है. मामला एक नया संसार रचने का. फिर मेजर इकबाल (अर्जुन रामपाल) नाम का दानव मिलता है. एसपी चौधरी असलम (संजय दत्त) नाम का जिन्न मिलता है. 

स्क्रीन फाड़ के आपके दिल में घुस जाने को तैयार बॉलीवुडिया जासूसों की भीड़ में, हमजा एक खालिस जासूस है. उसकी जर्नी, उसका ल्यारी में पैठ बनाना सॉलिड स्पाई स्टोरी है नो आपको बांधे रखती है. और इसे एंगेजिंग बनाता है रणवीर सिंह का दमदार काम. ज्यादातर चुप रहने वाला हमजा, अपनी आंखों से भी नहीं बोलता. परफॉर्मेंस इतनी नपी-तुली कि उनके खामोशी भरे सीन्स में कुछ जगह 'वाह' बोलने का मन किया. माधवन, अक्षय, अर्जुन, संजय सब शानदार फॉर्म में हैं.

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ल्यारी एक डार्क, रॉ, सीलन भरी बास मारता गैंगस्टरों का गढ़ है. और इसकी डिटेल्स, घटनाएं, कारस्तानियां आपको बांधे रखती हैं.  कराची के गैंग वॉर, पाकिस्तान की पॉलिटिक्स. भारत के नोटों की नकल छापते पाकिस्तानी माफिया. मुंबई हमले की प्लानिंग, डेविड हेडली का रोल. सब फर्स्ट हाफ में सेट है. ये हिस्सा दो घंटे लंबा है. आपसे सब्र चाहता है. इसके बदले आपको एक दमदार फिल्म देता है.

अब देखना है कि सेकंड हाफ में ये 'धुरंधर' क्या धमाका करते हैं.

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