बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र हमेशा के लिए अपनी इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. परिवार ने उनका अंतिम संस्कार किया. देओल परिवार ने बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच हरिद्वार में गंगा नदी में दिवंगत एक्टर की अस्थियां पूरे विधि-विधान के साथ प्रवाहित कीं. सनी देओल, बॉबी देओल के साथ करण देओल और परिवार के बाकी सदस्य भी यहां मौजूद दिखे. सभी इस दौरान भावुक नजर आए.
धर्मेंद्र का अस्थि विसर्जन
देओल परिवार का धर्मेंद्र की अस्थि विसर्जन करते वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें वो सभी एक वीआईपी घाट पर धर्मेंद्र की अस्थियां विसर्जित करते दिख रहे हैं.
वीडियो में देओल परिवार के सदस्य सफेद कपड़ों में नजर आ रहे हैं. अस्थि विसर्जन के दौरान वो साफ तौर पर भावुक थे और एक-दूसरे को गले लगाते भी दिखे. देओल परिवार हरिद्वार के पिलिभीत हाउस पहुंचे थे, जो गंगा नदी के किनारे स्थित 100 साल पुरानी हवेली है, जहां वो आखिरी संस्कार करने आए थे. यही वो होटल था जहां धर्मेंद्र की अस्थियां रखी गई थीं. अस्थि विसर्जन के बाद परिवार तुरंत होटल से निकलकर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया.
वीडियो में पोते करण अस्थियों को नदी में विसर्जित करते दिखे. वहीं सनी बॉबी और करण को गले लगाकर संभालते दिख रहे हैं. धर्मेंद्र का जाना परिवार के लिए गहरी क्षति है.
खबर थी कि, मंगलवार को भी परिवार हरिद्वार पहुंचा था अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए. वायरल वीडियो में सनी देओल होटल की बालकनी में चाय पीते दिखे थे.
धर्मेंद्र के नहीं हो पाए थे आखिरी दीदार
मालूम हो कि, धर्मेंद्र का 24 नवंबर को 89 साल की उम्र में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया था. उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया मुंबई के विले पार्ले श्मशान घाट पर पूरी की गई. हालांकि, ये अंतिम संस्कार बहुत ही शांत और जल्दी-जल्दी किया गया था और मीडिया को दूर रखा गया था. उनके निधन के बाद दो प्रार्थना सभाएं रखी गईं- एक सनी और बॉबी देओल की तरफ से, जो उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर के बेटे हैं, और उनकी दूसरी पत्नी हेमा मालिनी और बेटियों ईशा और अहाना देओल की तरफ से.
फिल्ममेकर हमद अल रेयामी ने हाल ही में प्रार्थना सभा में हेमा मालिनी से हुई अपनी बातचीत शेयर की, जहां एक्ट्रेस ने बताया था कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि धर्मेंद्र के फैंस उन्हें आखिरी बार नहीं देख पाए. क्योंकि अंतिम संस्कार निजी रखा गया था.
हेमा मालिनी ने बताया था कि- धर्मेंद्र ने अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं चाहा कि कोई उन्हें कमजोर या बीमार हालत में देखे. वो अपना दर्द अपने सबसे करीबी लोगों से भी छिपाते थे. और जब कोई चला जाता है, तो फैसला परिवार का होता है.