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'परिवार को भूलीं अस्पताल में बीमार पिता को नहीं देखा', प्रियंका चोपड़ा का दर्द, करियर के ल‍िए दी कुर्बानी

ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा आज दुनिया की टॉप एक्ट्रेस में शुमार की जाती हैं. मगर ये मुकाम हासिल करना उनके लिए आसान नहीं था. प्रियंका ने करियर में सक्सेस पाने के लिए पर्सनल लाइफ में कई बड़े बलिदान दिए हैं, जिसके बारे में अब उन्होंने बताया है.

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प्रियंका चोपड़ा कैसे बनीं ग्लोबल स्टार? (Photo: YOGEN SHAH)
प्रियंका चोपड़ा कैसे बनीं ग्लोबल स्टार? (Photo: YOGEN SHAH)

प्रियंका चोपड़ा आज एक ग्लोबल स्टार बन चुकी हैं. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक वो छाई हुई हैं. प्रियंका अब करीब 7 साल के लंबे इंतजार के बाद एसएस राजामौली की फिल्म 'वाराणसी' से हिंदी सिनेमा में छाने को तैयार हैं. प्रोफेशनल लाइफ में प्रियंका कामयाबी की ऊंची उड़ान भर रही हैं. मगर इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था. उन्होंने शुरुआती वक्त में कड़ी मेहमत की, जिसका फल उन्हें अब मिल रहा है. मगर प्रियंका को किस बात का पछतावा है?

प्रियंका ने पर्सनल लाइफ को किया इग्नोर

प्रियंका का कहना है कि इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम पाने और सक्सेसफुल होने के लिए उन्होंने कई बलिदान दिए हैं. प्रोफेशनल लाइफ में ग्रो करने के लिए उन्होंने पर्सनल लाइफ की कई चीजों को इग्नोर किया है. एक्ट्रेस ने अब अबु धाबी में हुए BRIDGE समिट में अपने करियर पर बात की. 

एक्ट्रेस बोलीं- मैंने जब पहली बार काम करना शुरू किया था. तब मैं बिल्कुल भी सिलेक्टिव नहीं थी. मुझे जो भी काम मिलता था, मैं उसे कर देती थी, क्योंकि काम मिलना भी अपने आप में सौभाग्य की बात है. मैं काम के लिए हर फिल्म के ऑफर को हां कहती थी. मेरे 20s में मैं काफी लालची थी. मैं हर दिन काम करना चाहती थी. 

प्रियंका ने कहा कि आज उनके पास किसी भी प्रोजेक्ट को एक्सेप्ट करने या ठुकराने की आजादी इसीलिए है, क्योंकि करियर की शुरुआत में उन्होंने काफी बलिदान दिए हैं. प्रियंका ने अपनी ग्लोबल सक्सेस का क्रेडिट अपने डिसिप्लिन और वर्क एथिक्स को दिया.  

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करियर के लिए परिवार से दूर हो गई थीं प्रियंका?

प्रियंका ने आगे बताया कि उनकी प्रोफेशनल लाइफ के सामने पर्सनल लाइफ ने बैकसीट ले ली थी. एक्ट्रेस बोलीं- बियॉन्से ने यह कहा है, और मैं उन्हीं के शब्दों में दोहराती हूं. मुझे लगता है कि मुझे अब अपनी मेहनत और बलिदान का फल मिल गया है. मैंने बहुत कड़ी मेहनत की. मैंने जन्मदिन नहीं मनाए. जब मेरे पिता अस्पताल में थे, मैं नहीं जा पाई. मैंने क्रिसमस नहीं मनाया, मैंने दिवाली नहीं मनाई. मैं परिवार के साथ समय नहीं बिता पाई. लेकिन उस वक्त मुझे इतनी कड़ी मेहनत करने की जरूरत थी. उस 20 साल की लड़की के लिए वो सब छोड़ना जरूरी था, ताकि आज जो मैं हूं वो इस तरह की जिंदगी जी सके.

प्रियंका ने कहा- मैं अब ये तय कर सकती हूं कि मुझे कब हां कहना है. अगर मैंने उस वक्त कड़ी मेहनत नहीं की होती, तो आज ये ऑप्शन नहीं मिलता. मैं अपने यंग वर्जन का शुक्रिया अदा करती हूं. 
 

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