एक्टर अक्षय खन्ना अपनी फिल्म 'धुरंधर' से हर तरफ छा गए हैं. फिल्म में अक्षय की परफॉरमेंस ने सभी का दिल खुश कर दिया है. इसी के साथ एक्टर ने सुर्खियों में जगह बना ली हैं. अक्षय खन्ना पर्दे पर कितने भी दमदार दिखते हों, इंटरव्यू में बहुत कम बोलते हैं. इन दिनों इंडस्ट्री के सबसे टैलेंटेड स्टार किड्स में गिने जा रहे अक्षय का बचपन काफी मुश्किल रहा है. कई साल पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने बचपन और पिता विनोद खन्ना के बारे में खुलकर बात की थी.
पिता को लेकर क्या बोले थे अक्षय?
अक्षय के पिता विनोद खन्ना बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर हुआ करते थे. उन्होंने अपने करियर के पीक पर होते हुए ओशो के सान्निध्य में चले जाने का फैसला किया था. वो अमेरिका में स्थित राजनेशपुरम में रहने चले गए थे और संन्यासी बन गए थे. विनोद ने अपनी पत्नी और दो छोटे बेटों- अक्षय राहुल खन्ना को भारत में ही छोड़ दिया था. जब अक्षय से पूछा गया कि पिता के संन्यास लेने और परिवार छोड़कर अमेरिका जाने के फैसले पर उस वक्त उनकी क्या भावनाएं थीं, तो उन्होंने कहा था, 'सिर्फ परिवार ही नहीं छोड़ा, संन्यास लिया. संन्यास का मतलब होता है जीवन को पूरी तरह त्याग देना. परिवार तो उसका सिर्फ एक हिस्सा है. ये एक जिंदगी बदल देने वाला फैसला था, जो उस वक्त उन्हें लगा कि लेना चाहिए. पांच साल के बच्चे के लिए इसे समझना नामुमकिन था. अब मैं समझ सकता हूं.'
अक्षय खन्ना ने आगे कहा था, 'कुछ तो इतना गहरा और प्रोफाउंड उनके अंदर हुआ होगा कि उन्हें लगा ये फैसला लेना ठीक है. खासकर जब जिंदगी में सब कुछ था. ऐसा फैसला लेने के लिए अंदर कोई बहुत बड़ा भूचाल-सा टूटना पड़ता है. और फिर उस फैसले पर डटे भी रहना. कोई फैसला ले लें और फिर कहे कि ये सूट नहीं कर रहा, वापस चलते हैं, ऐसा नहीं हुआ. अमेरिका में ओशो और कम्यून के साथ जो परिस्थितियां बनीं, अमेरिकी सरकार से टकराव, उसी वजह से वो वापस आए. जब कम्यून टूट गया, बिखर गया, सबको अपना-अपना रास्ता देखना पड़ा, तभी वो लौटे.'
ओशो को मानते हैं अक्षय खन्ना?
जब अक्षय से पूछा गया कि क्या पिता विनोद खन्ना, ओशो के प्रति विश्वास खो देने की वजह से लौटे थे? तो उन्होंने कहा था, 'जितनी भी यादें हैं पापा के उस दौर के बारे में बात करने की, मुझे नहीं लगता कि विश्वास खोना वजह था. सिर्फ कम्यून खत्म हो गया था, सब बिखर गए थे, तभी वो लौटे. वरना शायद कभी लौटते ही नहीं.'
अंत में अक्षय खन्ना ने ओशो के प्रति अपना सम्मान जताते हुए कहा था, 'मैंने ओशो के बहुत सारे प्रवचन पढ़े हैं. हजारों-लाखों वीडियो देखे हैं. मुझे वो बहुत पसंद हैं. संन्यास शायद मैं न ले पाऊं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उनके प्रवचनों का आनंद न लूं या उनकी बुद्धि, वाक्-कला और सोच का सम्मान न करूं. उनके प्रति मेरे मन में गहरा आदर है.'
विनोद खन्ना ने भारत लौटने के बाद एक्टिंग की दुनिया में दोबारा कदम रख लिया था. साल 2017 में उनका निधन हुआ. उनकी आखिरी फिल्म शाहरुख खान के साथ 'दिलवाले' थी, जिसमें उन्होंने अहम किरदार निभाया था. बात अक्षय खन्ना की फिल्म 'धुरंधर' की करें तो इसमें रणवीर सिंह, अर्जुन रामपाल, संजय दत्त, राकेश बेदी और आर माधवन ने काम किया है. डायरेक्टर आदित्य धर की ये फिल्म तारीफ पा रही है. साथ ही बॉक्स ऑफिस पर भी छाई हुई है.