प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को एक तरफ मेरठ में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस-सपा समेत सभी विपक्षी दलों को निशाने पर लेकर रैली को संबोधित कर रहे थे, तो वहीं दिल्ली के रामलीला मैदान में INDIA गठबंधन का भी शक्ति प्रदर्शन हो रहा था. लेकिन मेरठ,दिल्ली के बाद लखनऊ में हुआ राजनीतिक घटनाक्रम उत्तर प्रदेश की सियासत के लिए महत्वपूर्ण हो गया. लखनऊ में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले के सामने पीडीएम का नया फार्मूला रखा और एक नए मोर्चे का ऐलान कर दिया है.
दरअसल, यूपी की राजनीति में अब मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए ओवैसी की एंट्री हो चुकी है. इस बार ओवैसी के साथ पल्लवी पटेल भी खड़ी हैं. ऐसे में बीजेपी के सामने INDIA गठबंधन और अब इस गठबंधन के सामने ओवैसी के पीडीएम वाला तीसरा मोर्चा क्या गुल खिलाएगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है. उत्तर प्रदेश की सियासत में जातीय और धर्म के समीकरण ने सरकारें बनाई और बिगाड़ी हैं. यही वजह है कि आज भी अगड़े-पिछड़े की लड़ाई के साथ-साथ मुस्लिम वोट बैंक को हासिल करना हर सियासी दल की अहमियत में है. ऐसे में INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जहां एक तरफ बीजेपी के एनडीए से ताल ठोक रहा है, वहीं अब मुस्लिम वोटों की सबसे बड़ी राजनीति करने वाली AIMIM ने भी पीडीएम यानी पिछड़ा दलित और मुसलमान न्याय मोर्चा बना लिया है.
सपा ने नाराज हैं पल्लवी पटेल
सबसे अहम, ओवैसी के इस मोर्चे में समाजवादी पार्टी से नाराज पल्लवी पटेल भी शामिल हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में INDIA गठबंधन का मतलब सिर्फ सपा और कांग्रेस रह गया है. बसपा पहली ही गठबंधन में शामिल नहीं रही है. अब जब ओवैसी और पल्लवी पटेल ने मिलकर बीजेपी और INDIA गठबंधन से इतर तीसरे मोर्चे का ऐलान कर दिया है. लेकिन ओवैसी और पल्लवी पटेल के यह तीसरा मोर्चा तब बना पहले चरण की 8 सीटों का नामांकन खत्म हो चुका है और दूसरे चरण की 8 सीटों का नामांकन तीन दिन बाद यानी 4 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. ऐसे में तीसरे मोर्चे के सामने बाकी बची 5 चरणों की 64 सीट लड़ने के लिए बचती है.
इन मुस्लिम बहुल सीटों पर पहले चरण में मतदान
बात अगर पहले चरण की 8 सीटों की करें तो इन सीटों में सहारनपुर, कैराना, मुरादाबाद रामपुर और मुजफ्फरनगर में मुस्लिम मतदाता सर्वाधिक हैं और निर्णायक भूमिका में हैं. वहीं दूसरे चरण की 8 सीटों में अमरोहा, मेरठ, अलीगढ़ मुस्लिम वोट बैंक की सीट मानी जाती हैं. वहीं तीसरे मोर्चे में अभी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा, कितनी सीट पर पल्लवी पटेल चुनाव लड़ेंगी और कितनी सीट पर एआइएमआइएम चुनाव लड़ेगी या तीसरे मोर्चे में शामिल अन्य दल चुनाव लड़ेंगे, यह अभी साफ नहीं है. सीटों के बंटवारे के लिए तीसरे मोर्चे की एक और बैठक तस्वीर साफ करेगा.
पल्लवी पटेल के साथ नाइंसाफी हुई: AIMIM
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता आसिम वकार ने कहा कि हमारी ताकत पूर्वांचल में भी उतनी ही है जितनी पश्चिम में है. पल्लवी पटेल के साथ नाइंसाफी हुई, उनका हक नहीं मिला, जिसकी वजह से वह हमारे साथ हैं. हमारी लड़ाई पिछड़ा, दलित और मुसलमान के हक के लिए है. समाजवादी पार्टी पहले कांग्रेस फिर बसपा के साथ गठबंधन कर चुकी है. तब भी वह बीजेपी को रोकने में नाकाम रही. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के नेता अमिक जमई आरोप लगाते हैं कि ओवैसी इस सांप्रदायिकता के बिगड़े माहौल में पेट्रोल डालने का काम कर रहे हैं.