बिहार में वोटर लिस्ट की SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर घमासान तेज हो गया है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे पर काम कर रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को सलाह दी थी, लेकिन आयोग ने एक बार भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता के सामने अपना पक्ष नहीं रखा.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि "जो सूची मोदी जी और बीजेपी ने पहले से तय कर दी है, चुनाव आयोग उसी में लगा है. हमें SIR से नहीं, लेकिन लोकतंत्र की हत्या से दिक्कत है." उन्होंने बताया कि INDIA ब्लॉक 19 जुलाई को दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक करेगा और सभी विपक्षी दलों को पत्र लिखे जा रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि उन्हें जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग 12 से 15 फीसदी वोटर्स के नाम मतदाता सूची से काटने की तैयारी कर रहा है.
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सम्राट चौधरी ने बढ़ें आंकड़ों पर जताई चिंता
दूसरी तरफ, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने SIR प्रक्रिया के तहत सामने आए चौंकाने वाले आंकड़ों पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि सीमांचल के सात जिलों में आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 10 गुना ज्यादा आवेदन आ रहे हैं, खासकर किशनगंज जिले में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है.
सम्राट चौधरी ने कहा, "ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं और सरकार इसकी जांच करवा रही है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया के तहत आवासीय प्रमाण पत्र एक जरूरी दस्तावेज है और इसमें गड़बड़ी की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.