राजस्थान में मतदाता सूची को लेकर बड़ी कवायद के तहत विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम का पहला ड्राफ्ट आज सार्वजनिक किया जाएगा. इसी के साथ प्रदेशभर में वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों की आधिकारिक तस्वीर भी सामने आएगी. शुरुआती आकलन के मुताबिक, राज्य के कुल 5.46 करोड़ मतदाताओं में से करीब 42 लाख 29 हजार 326 नाम अलग-अलग कारणों से सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं.
इन नामों में ऐसे मतदाता शामिल हैं, जो दो जगह दर्ज पाए गए, जिनका स्थायी पलायन हो चुका है, पता बदल गया है या फिर जिनकी मृत्यु हो चुकी है. हालांकि इन कटौतियों से सीधे तौर पर संबंधित मतदाता प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि अंतिम निर्णय से पहले सुनवाई की पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. एसआईआर का सबसे ज्यादा असर राजधानी जयपुर में देखने को मिला है.
जयपुर में सबसे ज्यादा नाम कटे
जयपुर में करीब 7 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं. वहीं, दस्तावेज उपलब्ध न कराने वाले मतदाताओं में घुमंतू समाज के लोगों की संख्या अधिक है. आयोग ने इनके लिए विशेष व्यवस्था करने की बात कही है. इसके अलावा प्रदेश में करीब 11 लाख मतदाताओं से वर्ष 2002 से पहले के दस्तावेज मांगे गए हैं. इन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा. तय समय में कागजात जमा नहीं कराने पर इनके नाम भी सूची से हटाए जा सकते हैं.
आपत्ति दर्ज कराने और सुनवाई का अवसर मिलेगा
हालांकि बिना सुनवाई किसी का नाम सीधे नहीं काटा जाएगा. सभी राजनीतिक दलों को भी एसआईआर के बाद की मतदाता सूची दी जाएगी. आज जारी होने वाले ड्राफ्ट पब्लिकेशन में उन मतदाताओं की सूची भी शामिल होगी, जिनके पते पर बीएलओ को घर नहीं मिला. जिनके नाम ड्राफ्ट में नहीं होंगे, उन्हें आपत्ति दर्ज कराने और सुनवाई का अवसर मिलेगा.
पिछली एसआईआर सूची में नाम होने पर प्रमाण देकर नाम दोबारा जुड़वाया जा सकेगा. वहीं, जिनका नाम पिछली सूची में नहीं है, उन्हें अपने माता-पिता के नाम का प्रमाण और स्वयं का एक पहचान पत्र देना अनिवार्य होगा. राजनीतिक दृष्टि से देखें तो कई दिग्गज नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में नाम कटे हैं.
दिग्गज नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों में कटे कई नाम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सांगानेर में करीब 63 हजार, डिप्टी सीएम दिया कुमारी के विद्याधर नगर में 57 हजार और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के दूदू विधानसभा क्षेत्र में 14 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरदारपुरा में 57 हजार और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के झालरापाटन क्षेत्र में करीब 26 हजार नाम सूची से बाहर हुए हैं.