'पंचायत आजतक-बिहार' के मंच से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने पूछा, 'क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री को जेल में बैठकर सरकार चलानी चाहिए?' अमित शाह ने कहा कि 130वां संविधान संशोधन विपक्ष को नहीं, बल्कि सभी चुने हुए प्रतिनिधियों पर समान रूप से लागू होता है. उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार की आदत जिन नेताओं को है, डर उन्हें ही लग रहा है.'
'जिन्हें भ्रष्टाचार की आदत है, वो डर रहे'
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें कहा जा रहा है कि 130वां संविधान संशोधन विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा, 'विपक्ष गलतफहमी फैला रहा है. 130वां संशोधन बीजेपी पर भी लागू होता है. हमारे मुख्यमंत्रियों पर भी होता है, हमारे प्रधानमंत्री पर भी लागू होता है. वो सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं है, सभी चुने हुए पदाधिकारियों के लिए है. लेकिन हमें डर नहीं है क्योंकि हम कुछ गलत नहीं करते. उन्हें भ्रष्टाचार की आदत है, इसलिए उन्हें डर है.'
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'एक भी पीआईएल नहीं कर पाई कांग्रेस'
एजेंसियों के दुरुपयोग के विपक्षी आरोपों पर अमित शाह ने कहा, 'अगर एजेंसी हमारे खिलाफ केस ना भी करे तो भी वो पीआईएल लेकर अदालत जा सकते हैं. उनके शासन में हमने सैकड़ों पीआईएल कीं, कोर्ट ने ऑर्डर भी किए, सीबीआई ने केस भी दर्ज किए. कांग्रेस एक भी पीआईएल कर पाई हो तो बताओ. पीएम मोदी के शासन में भ्रष्टाचार तो छोड़ो, भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं लगा. कांग्रेस ने 12 लाख करोड़ के घोटाले किए.'
'क्या जेल में बैठकर चलाई जा सकती है सरकार?'
जब पूछा गया कि क्या यह संशोधन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले के कारण लाया गया, तो अमित शाह ने कहा, 'नहीं, यह केजरीवाल की बेल होने के बाद लाया गया था.' उन्होंने कहा, 'जब संविधान बना तब संविधान निर्माताओं ने कल्पना ही नहीं की थी कि कोई व्यक्ति ऐसा निर्लज्ज हो सकता है जो जेल में रहकर सरकार चलाना चाहे. ऐसी घटना देश में कई जगह हुई. तमिलनाडु में हुई, दिल्ली में हुई और ये सारे INDI अलायंस वाले ही थे.'
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अमित शाह ने कहा, 'हम जो कानून लेकर आए हैं, उसमें किसी पर भी आरोप लगता है और वो जेल में जाता है, तो उसके पास 30 दिन का समय है. अगर 30 दिन में बेल ले लें तो कुछ नहीं होगा. बाद में भी बेल मिल जाए तो फिर से सीएम पद की शपथ ले लो. लेकिन सवाल यह है कि क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री को जेल में बैठकर सरकार चलाना चाहिए? यह हम किस तरह के लोकतंत्र की कल्पना कर रहे हैं?'