केरल के स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में बड़ा संकेत दे दिया है. कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निर्णायक बढ़त हासिल करते हुए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) को कड़ा झटका दिया है, जबकि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए की ऐतिहासिक जीत ने सियासी समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है.
राज्य के 6 नगर निगमों में से चार पर UDF ने कब्जा जमाया, जबकि LDF और NDA को एक-एक नगर निगम से संतोष करना पड़ा. नगरपालिकाओं में भी UDF का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा. कुल 86 नगरपालिकाओं में से 54 पर UDF ने जीत दर्ज की, जबकि LDF केवल 28 नगरपालिकाओं तक सिमट गया. एनडीए को इस स्तर पर महज दो नगरपालिकाओं में सफलता मिली. ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि शहरी मतदाताओं के बीच कांग्रेस गठबंधन का भरोसा बढ़ा है और वाम मोर्चे की पकड़ कमजोर हुई है.
तिरुवंनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर तिरुवनंतपुरम नगर निगम में देखने को मिला, जहां 45 वर्षों से चला आ रहा LDF का किला ढह गया और BJP ने 101 में से 50 वार्ड जीतकर सत्ता के बेहद करीब पहुंचकर इतिहास रच दिया. वहीं LDF ने 29, UDF ने 19 और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. तिरुवनंतपुरम न सिर्फ केरल की प्रशासनिक राजधानी है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम क्षेत्र माना जाता है.
इसी लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर लगातार चार बार सांसद चुने जा चुके हैं, जिससे यह क्षेत्र लंबे समय से कांग्रेस और वाम मोर्चे के प्रभाव वाला माना जाता रहा है. ऐसे में नगर निगम में बीजेपी की जीत ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे दिया है. तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी.
504 पंचायतों पर UDF का कब्जा
ग्रामीण स्तर पर UDF ने अब तक का सबसे मजबूत प्रदर्शन करते हुए 941 ग्राम पंचायतों में से 504 पंचायतों में जीत हासिल की. इसके मुकाबले LDF को 341 ग्राम पंचायतों में सफलता मिली, जबकि NDA केवल 26 पंचायतों तक सीमित रहा. जमीनी स्तर पर मिली यह बढ़त UDF के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि यही स्तर भविष्य के विधानसभा चुनावों की बुनियाद तय करता है. ब्लॉक पंचायत लेवल पर, LDF ने 63 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस फ्रंट (यूडीएफ) को 79 सीटें मिलीं. वहीं जिला पंचायत लेवल पर दोनों गठबंधन ने सात-सात सीटें जीतीं.
कांग्रेस ने 2026 के चुनाव के लिए मजबूत संकेत बताया
नतीजों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इसे 2026 विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत संकेत बताया. राहुल गांधी ने कहा कि यह जनादेश जवाबदेह और जनता की बात सुनने वाली सरकार की मांग को दर्शाता है. वहीं, केरल कांग्रेस और UDF नेताओं ने दावा किया कि यह जीत “आगामी विधानसभा चुनावों की ट्रेलर” है.
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने नतीजों को अपेक्षा के अनुरूप नहीं बताते हुए आत्ममंथन की बात कही. CPI(M) ने इसे अप्रत्याशित झटका करार देते हुए संगठनात्मक सुधार और रणनीतिक समीक्षा के संकेत दिए हैं.