हरियाणा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राज्य में 1 अक्टूबर को मतदान होना है, जबकि 4 अक्टूबर को नतीजों की घोषणा की जाएगी. हरियाणा में इस वक्त भाजपा की सरकार है. चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. भाजपा की बात करें तो पार्टी ने कुछ महीने पहले हरियाणा में खुद को बदला है, अपने मुख्यमंत्री को बदला है और गठबंधन सहयोगी जेजेपी से भी नाता तोड़ लिया है. क्या इससे सत्तारूढ़ पार्टी को लगातार तीसरा विधानसभा चुनाव जीतने में मदद मिलेगी? या इस बार राज्य में सियासी गणित कुछ अलग होगा. राज्य की पांच प्रमुख पार्टियों की ताकत, चुनौती, अवसर पर एक नजर डालते हैं. इन पार्टियों में भाजपा, कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय लोक दलशामिल हैं.
भाजपा
ताकत
हरियाणा में 10 साल से सत्ता में भाजपा के पास बूथ स्तर तक एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा है. पार्टी ने इन चुनावों की तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी थी.
कमजोरी
दो दशकों तक सरकार चलाने के बाद भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है.
अवसर
पार्टी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनके पूर्ववर्ती एमएल खट्टर, जो अब केंद्रीय मंत्री हैं, उनकी साफ छवि का लाभ उठाने की कोशिश करेगी और अपनी सरकार द्वारा दिए गए 'पारदर्शी प्रशासन' को भी दिखाएगी.
खतरा
भाजपा को हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में 10 में से पांच सीटें जीतने वाली कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है.
कांग्रेस
ताकत
दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं की एक वर्ग को प्रभावित कर सकते हैं.
कमजोरी
हुड्डा और शैलजा के नेतृत्व में अलग-अलग गुटों वाला विभाजित सदन. प्रतिद्वंद्वी दल अभी भी कांग्रेस के सत्ता में रहने के समय से कथित घोटालों को उछाल रहे हैं.
अवसर
कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का लाभ उठा सकती है.
खतरा
इनेलो और जेजेपी जैसी पार्टियों के बीच जाट वोटों का बंटवारा इसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है.
जननायक जनता पार्टी
ताकत
जेजेपी, साढ़े चार साल तक सरकार का हिस्सा रही, राज्य के ग्रामीण इलाकों में प्रभाव रखती है और देवीलाल की विरासत पर दावा करती है.
कमजोरी
भाजपा से नाता टूटने के बाद जेजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी.
अवसर
जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला जाट समुदाय का एक प्रमुख चेहरा हैं, जो युवा मतदाताओं को लुभा सकते हैं.
खतरा
इसके कुछ नेता कांग्रेस और भाजपा में जा सकते हैं.
भारतीय राष्ट्रीय लोक दल
ताकत
पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इनेलो के पास ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत वोट आधार है और हाल ही में बसपा के साथ गठबंधन के बाद इसमें और तेजी आई है.
कमजोरी
इसे पहले भी कई चुनावी हार का सामना करना पड़ा है. हाल के दिनों में पार्टी के शीर्ष नेता कांग्रेस या भाजपा में शामिल हुए हैं.
अवसर
इनेलो उन लोगों को लुभाएगी जो भाजपा और कांग्रेस का विकल्प तलाश रहे हैं.
आम आदमी पार्टी
ताकत
पार्टी दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकारों द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर है.
कमजोरियां
हरियाणा में पहले भी चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन चुनावी सफलता नहीं मिली.
अवसर
पार्टी खुद को भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर पेश कर रही है.
खतरा
हरियाणा में बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ना एक कठिन काम होगा.