scorecardresearch
 

DU के 85 फीसदी छात्र ऑनलाइन एग्जाम के ख‍िलाफ, DUTA ने कराया था सर्वे

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम को लेकर सर्वे कराया था. इस सर्वे में 48 घंटे से कम समय में 47,393 विद्यार्थियों ने प्रतिक्रिया दी. सर्वे में सामने आया कि अधिकतर बच्चे ऑनलाइन एग्जामिनेशन में उपस्थित नहीं हो सकते.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को लेकर आज जूम ऐप के जरिये प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. मीडिया से बातचीत में डूटा ने इस परीक्षा को लेकर 23 मई को कराए गए ऑनलाइन सर्वे की चर्चा की.

इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों से परीक्षा को लेकर कुछ सवाल पूछे गए थे. डूटा ने कहा कि मात्र 48 घंटे से कम समय में 47393 विद्यार्थियों हमारे सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस सर्वे में सामने आया कि अधिकतर बच्चे ऑनलाइन एग्जामिनेशन में उपस्थित नहीं हो सकते. श‍िक्षकों ने पूरा डाटा मीडिया के समक्ष रखा जिसमें विद्यार्थियों से तमाम प्रश्न किए गए थे कि वह किस ईयर के बच्चे हैं और कौन सा कोर्स कर रहे हैं. साथ ही ये भी पूछा गया कि क्या वो ऑनलाइन एग्जामिनेशंस में सम्मिलित हो सकते हैं.

Advertisement

सर्वे में सामने आया है कि 85% से ज्यादा ऐसे बच्चे हैं जो किसी न किसी परेशानी की वजह से ऑनलाइन एग्जाम नहीं दे सकते. छात्रों ने इक्विपमेंट जैसे लैपटॉप डेक्सटॉप स्मार्टफोन या नेटवर्क और नेट की प्रॉब्लम जैसी कई समस्याओं को इसकी वजह बताया. इसके अलावा श‍िक्षकों ने बताया कि अन्य बहुत सारी ऐसी प्रॉब्लम है जिनकी वजह से बच्चे ऑनलाइन एग्जामिनेशन में शामिल नहीं हो सकते.

देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें

इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 38.4 फीसद स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्र हैं. वहीं 86.8 डीयू के रेगुलर कॉलेजों के छात्र हैं.

इसमें से 8 फीसद स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और 5.2 फीसद नॉन कॉलेजियट वूमेन एजुकेशन बोर्ड (एनसिवेब) की छात्रा हैं. साथ ही सर्वे में 50.2 फीसद ऐसे छात्र हैं जो इस समय अपने घर पर मौजूद हैं. इनमें से 40.4 फीसदी पीजी में रहने वाले छात्र हैं. वहीं 5.3 फीसदी छात्र अपने किसी रिश्तेदार के साथ दिल्ली में रह रहे हैं और 4.1 फीसदी छात्र ही डीयू के छात्रावास में रह रहे हैं. कई छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में भी दिक्कत हुई है.

इस संदर्भ में डूटा उपाध्यक्ष डॉ. आलोक रंजन पांडेय ने बताया कि सर्वे को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने हाथोंहाथ लेकर एकमत से यह कहा है कि हम ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा नहीं दे सकते. ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रशासन किस दबाव में ऐसा करना चाहता है, यह समझ से परे है.

Advertisement

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

उनका मानना है की जब CBSE जुलाई में परीक्षा कराने को तैयार है तो दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को भी थोड़ा धैर्य रखकर जुलाई से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा करानी चाहिए. अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कागज-कलम से ही परीक्षा देना चाहते हैं. आज के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डूटा अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि हम छात्रों के हित के लिए ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम का सख्त विरोध करते हैं. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डुटा सचिव राजिंदर सिंह, सह सचिव प्रेमचंद और कोषाध्यक्ष आभादेव ने भी अपनी बात रखी.

इसके साथ ही 55.4 फीसदी छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें लॉकडाउन से पहले उनके पाठ्यक्रमों से पहले जो पढ़ाया गया. उसके नोट्स व पठन सामग्री उनके पास मौजूद नहीं है. सिर्फ 23.5 फीसदी के पास ही यह पठन सामग्री मौजूद है.

Advertisement
Advertisement