उत्तर प्रदेश पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग ने सेंध लगा दी. सॉल्वर गैंग के तार यूपी से हरियाणा तक जुड़े हुए पाए गए. यूपी पुलिस एसटीएफ की टीम ने बागपत-बड़ौत से मास्टरमाइंड समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया गया कि मेरठ की एसटीएफ टीम ने आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, डेस्कटॉप कंप्यूटर, आठ मोबाइल फोन, स्क्रीनशॉट और आठ एडमिट कार्ड बरामद किए हैं.
किराए पर कमरा लेकर किया था पेपर हैक करने का सेटअप
दरअसल, यूपी पुलिस में कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती परीक्षा चल रही है. इस परीक्षा में सिस्टम हैक करने और सॉल्वर बैठाकर परीक्षा कराने वाले गिरोह के एक्टिव होने की सूचना मिली थी. जांच की गई तो पता कि बड़ौत की आवास विकास कालोनी में स्थित अनिल कुमार के घर में कुछ लोग किराए पर कमरा लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन परीक्षा में सिस्टम हैक करके अभ्यर्थियों से अच्छी खासी रकम लेकर पेपर सॉल्व कर रहे हैं. एसटीएफ की टीम ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
गाजियाबाद में बैठा था मास्टरमाइंड रचित चौधरी
पकड़ा गया मास्टरमाइंड रचित चौधरी गाजियाबाद में विधान पब्लिक स्कूल को परीक्षा केंद्र बनवाकर ऑनलाइन परीक्षा हैकिंग करवा रहा था. पूछताछ में सामने आया कि ये लोग 07 फरवरी 2024 को यूपी पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर की परीक्षा में अभ्यर्थियों के कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर करके पेपर सॉल्व कर रहे थे और गाजियाबद में स्थित विधान पब्लिक स्कूल की लैब को फर्जी तरीके से परीक्षा कराने के लिए सेंटर अलॉट करा रखा था. जहां मास्टरमाइंड रचित चौधरी अपने साथियों की मदद से ऑनलाइन एग्जाम हैंकिंग को अंजाम दे रहे थे. मास्टरमाइंड रचित चौधरी से पूछताछ के बाद विधान पब्लिक स्कूल से 7 अभ्यर्थी और कंप्यूटर लैब असिस्टेंट रजनीश कुमार और अश्विनी कुमार को किया गिरफ्तार गया है.
250 कंप्यूटर की लैब, यूपी से हरियाणा तक जुड़े हैं तार
सॉल्वर गैंग ने ऑनलाइन हैकिंग के जरिये पेपर सॉल्व कराने के लिए गाजियाबाद के दुहाई में विधान पब्लिक स्कूल में करीब 250 कंप्यूटर सिस्टम की लैब तैयार की थी. इसमें हरियाणा के पलवल का हैकर राम चौहान उनकी मदद कर रहा था. हैकर राम चौहान ने रचित चौधरी के कहने पर लैब में सॉफ्टवेयर डालकर स्क्रीन शेयरिंग, पाइथॉन लांचर, एनीडेस्क और नोड जेएस से रिमोट एक्सेस लिया था. मास्टर सिस्टम को लैब में मौजूद अपने सहयोगियों की मदद से अलग रखा गया, जिससे किसी अभ्यर्थी को परीक्षा के समय यह सिस्टम आवंटित न हो.
4-5 लाख रुपये में हुई थी पेपर सॉल्व कराने की बात
एग्जाम शुरू होने से पहले ही लैब में मौजूद अपने सहयोगियों के माध्यम से उन अभ्यर्थियों का पेपर सॉल्व करने वाला था, जिनसे पैसे लिए थे. एग्जाम सेंटर पर मौजूद अभ्यर्थी के सिस्टम का पूरा एक्सेस इनके पास पहुंच जाता था. ये प्रश्न-पत्र अपने सिस्टम से हल करते थे. अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान केवल अपना माउस चलाते रहने की निर्देश दिए गए थे. बताया जा रहा है कि इस काम के लिए एक अभ्यर्थी से चार से पांच लाख रुपये लेने की बात तय हुई थी, हैकर राम चौहान एक अभ्यर्थी की स्क्रीन शेयर करने के लिए 50 हजार रुपये लेता था. गिरफ्त में आए 12 लोगों में मास्टरमाइंड रचित चौधरी, 7 अभ्यर्थी, एक सॉल्वर और तीन सहयोगी शामिल हैं.