उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021-2022 के बजट में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (National Law University) बनाने का निर्णय लिया है. सोमवार को विधान मंडल में पेश किए गए बजट में यह विश्वविद्यालय प्रयागराज में बनना तय हुआ है. कहा जा रहा है कि यह यूनिवर्सिटी दो साल के भीतर तैयार हो जाएगी. इसके अलावा जिलों में अदालत भवन निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं.
बता दें कि इस विश्वविद्यालय को खोलने का मकसद लॉ के क्षेत्र में पढ़ाई के लिए इच्छुक उत्तर प्रदेश के अलावा देशभर के छात्र-छात्राओं को एक अच्छा विकल्प उपलब्ध कराना है. इस विवि में डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे. साथ ही न्यायिक व अन्य विधि सेवाएं, विधि निर्माण, विधि सुधार के क्षेत्र में छात्रों को शोध की सुविधा होगी.
व्यावसायिक शिक्षा और न्यायिक पदाधिकारियों व अन्य व्यक्तियों को विधि क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी होगी. पुरातन धर्मग्रंथ एवं भारत की पुरातन न्यायिक व्यवस्था पर शोध की व्यवस्था भी यूनिवर्सिटी में होगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे. इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नियुक्त किए जाएंगे. कुलाधिपति ही विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति करेगा.
विश्वविद्यालय में महापरिषद, कार्य परिषद, शैक्षिक परिषद और वित्तीय समिति का गठन होगा. महापरिषद को विश्वविद्यालय के बारे में फैसला लेने का सर्वोच्च अधिकार होगा. विश्वविद्यालय में कुलपति, कुल सचिव, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और सभी पद यूनिवर्सिटी नियमों के तहत नियुक्त होंगे.
इस यूनिवर्सिटी की प्रयागराज में 25 एकड़ जमीन पर स्थापना होगी. नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की तरह ही दूसरा संस्थान होगा. बता दें कि नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में18 एकड़ में बनी है.