कोरोना संक्रमण के बीच देश के कई राज्यों यूपी, एमपी, पंजाब आदि में स्कूल खुल चुके हैं. वहीं कुछ राज्य जैसे दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में अभी स्कूल खुलने बाकी हैं.
इस बीच गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने सोमवार को कहा कि उनका विभाग राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी की राय लेगा. गांधीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए चुडासमा ने संकेत दिया कि स्कूल हमेशा के लिए बंद नहीं रह सकते.
COVID-19 के प्रकोप के बाद से राज्य में स्कूल और कॉलेज बंद कर चल रहे हैं. कई शैक्षणिक संस्थान शैक्षणिक सत्र को जारी रखने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं का आयोजन कर रहे हैं. शिक्षामंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद हुए छह महीने हो गए हैं. अब हमें किसी न किसी दिन स्कूल खोलना होगा. लेकिन, राज्य सरकार अपने दम पर ऐसा कोई महत्वपूर्ण फैसला नहीं करेगी.
मंत्री ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने में सबसे महत्वपूर्ण राय स्वास्थ्य विभाग की होगी. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में, हम अभिभावकों, छात्रों, स्कूलों के मालिकों, शिक्षकों और प्रमुख शिक्षाविदों से राय और सुझाव लेंगे. स्वास्थ्य विभाग की राय इस संबंध में महत्वपूर्ण होगी.
मंत्री ने कहा कि वह स्कूलों को फिर से खोलने पर अंतिम निर्णय लेने से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और पूरी कैबिनेट के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.
क्या है गाइडलाइन?
फर्नीचर, स्टेशनरी, कैंटीन, लैब के साथ ही पूरे परिसर और क्लास रूम को रोज सैनिटाइज करना होगा. एक क्लास में एक दिन में 50 फीसदी बच्चे ही बैठेंगे. दूसरे दिन बाकी के बच्चों की पढ़ाई होगी. दो स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी अनिवार्य होगी. इसके अलावा सबसे सख्त नियम ये है कि कोई भी स्टूडेंट अपने अभिभावक की बिना लिखित अनुमति के स्कूल नहीं आ सकेगा.
इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा. कोशिश ये रहेगी कि अभिभावक खुद बच्चे को लाएं और लेकर जाएं. बच्चे को यूनिफार्म में फुल आस्तीन की शर्ट, फुल पैंट और जूते-मोजे पहनना जरूरी होगा. गाइडलाइंस का पालन बहुत अनिवार्य होगा. क्लासरूम में मास्क उतारने की अनुमति नहीं होगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में कहा गया है कि स्कूलों की तरफ से स्टूडेंट्स पर कक्षाओं में आने के लिए कोई दबाव नहीं डाला जाएगा. यहां तक कि स्कूल जाने के लिए छात्रों को अभिभावकों की लिखित अनुमति को सबसे जरूरी माना गया है. इसके अलावा स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रख सकेंगे.
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