
NIRF Rankings 2024 Open Universities: शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी ताजा राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 में इस साल तीन नई कैटेगरी जोड़ी हैं. इनमें राज्य विश्वविद्यालय (state universities), कौशल विश्वविद्यालय (skill universities) और ओपन विश्वविद्यालय (open universities) कैटेगरी को शामिल किया गया है. पहली बार जारी हुई देश की ओपन यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग में इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) को पहला स्थान मिला है.
देश की ओपन यूनिवर्सिटीज NIRF 2024 रैंकिंग में इग्नू के बाद नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी, कोलकाता ने दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद ने तीसरा स्थान हासिल किया है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बीते सोमवार को नई दिल्ली में एनआईआरएफ रैंकिंग के नौवें संस्करण में यह सम्मान प्रदान किया.
इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने ओपन यूनिवर्सिटी श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय को दिया गया यह पुरस्कार हासिल किया. शिक्षा मंत्री ने हाशिए पर पड़े समुदायों, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और इस प्रकार लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में इग्नू जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) की महत्वपूर्ण भूमिका की भी प्रशंसा की.
NIRF Rankings 2024: कैटेगरी वाइज टॉप संस्थानों की लिस्ट
इग्नू ने की हिंदी-तमिल राष्ट्रीय संगोष्ठी की घोषणा
इग्नू के पत्रकारिता एवं नवीन मीडिया अध्ययन विद्यापीठ ने हिंदी एवं तमिल भाषा में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी की घोषणा की है. देश में अपनी तरह की पहली और अनूठी यह ऑनलाइन संगोष्ठी हिंदी माह के दौरान 27 सितंबर 2024 को आयोजित होने वाली है. इस आयोजन के लिए हिंदी एवं तमिल मीडिया के विभिन्न आयामों पर आधारित शोध-पत्रों को आमंत्रित किया गया है. केवल हिंदी और तमिल भाषा में लिखे गए शोध पत्रों को ही इस संगोष्ठी में स्थान दिया जाएगा.
विद्यापीठ के निदेशक प्रो. के.एस. अरुल सेलवन ने कहा कि यह इग्नू की एक अनूठी पहल है जहां हम हिंदी एवं तमिल दोनों भाषाओं में काम करने वाले शिक्षकों एवं शोधार्थियों के लिए एक साझा मंच प्रस्तुत कर रहे हैं. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अमित कुमार के अनुसार संभवतः यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है.

उन्होंने बताया कि हर वर्ष हिंदी माह (सितंबर) के दौरान विद्यापीठ हिंदी भाषा में लिखे गए शोध पत्रों को एक राष्ट्रीय मंच देने के लिए संगोष्ठी का आयोजन करता रहा है. भारतीय भाषाओं के बीच आपसी समन्वय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस वर्ष तमिल को भी इस संगोष्ठी में शामिल किया गया है. आने वाले वर्षों में अन्य भारतीय भाषाओं को भी इससे जोड़ा जाएगा.