NEET on High Court: नीट परीक्षा परिणाम को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि नीट यूजी काउंसलिंग को रोका नहीं जाएगा. एचसी ने एनटीए को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है. इस मामले पर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 5 जुलाई 2024 को होनी है.
आरोपों के घेरे में आई NEET परीक्षा के खिलाफ दाखिल याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट पांच जुलाई को आगे सुनवाई करेगा. एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि 7 विभिन्न हाईकोर्ट में NEET परीक्षा और रिजल्ट को लेकर याचिकाए लंबित हैं. SC में भी कई याचिकाएं दायर हुई हैं. उनमें से कुछ याचिकाएं SC में कल सुनवाई पर आ सकती हैं. इसलिए हम ट्रांसफर पिटिशन दाखिल कर रहे हैं. हम कोर्ट से मांग करेंगे कि हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए.
NTA ने रखा अपना पक्ष
हाईकोर्ट में जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की एकल जज पीठ के समक्ष हो रही है. सुनवाई में एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि साथ हाईकोर्ट में दाखिल अलग-अलग याचिकाओं के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए सुप्रीम कोर्ट में तबादला याचिका दाखिल करने जा रहा है. ताकि सभी याचिकाओं पर एक ही जगह सुनवाई हो जाए. वरना अलग अलग सुनवाई और आदेशों को वजह से छात्रों के बीच भ्रम बढ़ेगा. जस्टिस बंसल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आठ जुलाई को इस मामले में आगे सुनवाई करेगा. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट का आया था ये फैसला
नीट परीक्षा को लेकर एनटीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाएं दायर हुई हैं. सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक मेडिकल छात्रों का आंदोलन जारी है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को लेकर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम के लिए इनकार कर दिया. साथ ही अगली सुनवाई में एनटीए का पक्ष भी सुना जाएगा.
फिजिक्स वाला के फाउंडर अलख पांडे के वकील ने कही ये बात
NEET-UG 2024 परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अधिवक्ता जे. साई दीपक ने कहा कि कोर्ट में काफी सारी याचिकाएं हैं. कुछ याचिकाएं परिणाम घोषित होने से पहले ही इस आधार पर दायर की गई थीं कि पेपर लीक हो गया था. उन याचिकाओं के संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं. हमारी याचिका थोड़ी अलग है. हम अलख पांडे का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने लगभग 20,000 छात्रों से हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कम से कम 1,500 छात्रों को लगभग 70 से 80 अंक ग्रेस मार्क्स के रूप में दिए गए हैं. हम ग्रेस मार्क्स के मनमाने ढंग से दिए जाने को चुनौती दे रहे हैं. कोर्ट ने संकेत दिया है कि हमारे मामले को भी अन्य मामलों के साथ उठाया जाएगा, लेकिन कोर्ट स्पष्ट है कि वह इस स्तर पर काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगा.