Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2023: भारत करीब 200 वर्षों के इंतजार और लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज से आजादी मिली थी. देश इस साल 76वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) मना रहा है. साथ ही उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद कर रहा है जिन्होंने आजादी के लिए अपने जान की भी परवाह नहीं की थी और अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया, लेकिन अंग्रेजों ने जाते-जाते देश को दो टुकड़ों में बांटकर एक नया देश पाकिस्तान बना दिया. हर साल पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है लेकिन भारत पार्टीशियन के उस भयावह मंजर को याद कर रहा है. भारत 14 अगस्त 1947 को हुई विभाजन की विभीषिका के स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में मना रहा है.
बीजेपी निकालेगी मौन मार्च
भारतीय जनता पार्टी (BJP) विभाजन की विभीषिका के स्मृति दिवस पर मौन मार्च निकालेगी. जंतर-मंतर से कनॉट प्लेनस के सेंट्रल पार्क तक विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में मार्च निकाला जाएगा. अलग-अलग जगहों पर पाकिस्तान से भारत आए लोगों के विभाजन के कष्टों को याद करते हुए एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी.
विभाजन की विभीषिका के बारे में बताएं विश्वविद्यालय: UGC
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस संबंध में बड़ी पहल करते हुए 2022 में देशभर के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक पत्र जारी किया था. पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालयों को कहा गया कि वे लोगों को विभाजन की विभीषिका के बारे में बताएं. यूजीसी की इस पहल के बाद अब विभिन्न विश्वविद्यालयों के माध्यम से 14 अगस्त 1947 को हुई विभाजन की विभीषिका को याद किया जाता है. यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल 14 अगस्त को 1947 में विभाजन के दौरान लाखों भारतीयों के कष्टों और बलिदानों की देश को याद दिलाने के लिए 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य यह है कि हम सामाजिक विभाजन, असामंजस्य के जहर को दूर करें और एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की भावना को और मजबूत करें.
DU का स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र के बारे में
विभाजन की विभीषिका के स्मृति दिवस पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की ओर से सोमवार को कॉन्फ्रेंस केंद्र में प्रदर्शनी लगाई जा रही है. इस अवसर पर डीयू ने स्वतंत्रता और विभाजन अध्ययन केंद्र की स्थापना की घोषणा भी की है. इसी साल विश्वविद्यालय की 1014वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पारित स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. यह केंद्र शोध के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे गुमनाम नायकों और घटनाओं पर भी काम करेगा, जिन्हें अभी तक इतिहास में जगह नहीं मिली है. साथ ही भारत विभाजन की त्रासदी के समय की घटनाओं का भी गहन अध्ययन एवं शोध किया जाएगा. इससे विभाजन विभीषिका से उपजी गंभीर मानवीय त्रासदी, दर्द, घाटे, अस्तित्व की गंभीरता और अंततः विजय जैसे असंख्य तथ्य, उपाख्यान, कहानियां और यादें हैं जो इस केंद्र द्वारा अध्ययनों से सामने में आएंगे.
डीयू के दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह ने बताया कि यह केंद्र कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता और संरक्षण में कार्य करेगा. केंद्र की गवर्निंग बॉडी गठित कर दी गई है, जो तीन साल की अवधि के लिए तत्काल प्रभाव से लागू होगी. उन्होंने बताया था कि केंद्र समर्पित अभिलेखीय स्रोतों और मौखिक इतिहास के माध्यम से अनुसंधान और सीखने को प्रोत्साहित करने का एक यथार्थ शैक्षणिक प्रयास है.
जामिया यूनिवर्सिटी में भी लगी प्रदर्शनी
जामिया वीसी प्रो. नजमा अख्तर ने कहा, 'जामिया 76वां स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह, जोश और देशभक्तिपूर्ण उत्साह के साथ मना रहा है. हम प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के इन गौरवशाली वर्षों का जश्न मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. मैं सभी से अपील करती हूं कि वे राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने और हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए अपने दफ्तरों और घरों पर तिरंगा फहराएं.'
14 अगस्त, 2023 को सरोजिनी नायडू महिला अध्ययन केंद्र और विश्वविद्यालय के प्रेमचंद अभिलेखागार और साहित्यिक केंद्र संयुक्त रूप से "विभाजन भयावह स्मृति दिवस" मनाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जहां भारत के विभाजन से जुड़ी घटनाओं पर प्रस्तुति, पैनल चर्चा, प्रश्न और उत्तर सत्र और एक फोटो प्रदर्शनी लगी है.