नौसेना प्रमुख आर हरि ने इंडियन नेवी की कईं बड़ी उपलब्धियों पर बात की. जिसमें उन्होंने पहली बार नौसेना में महिलाओं की एंट्री, विक्रांत से लेकर आने वाले सालों में सेना के आत्मनिर्भर बनने तक के बारे में जानकारी दी. नौसेना प्रमुख ने आज (शनिवार) को कहा कि अग्निपथ स्कीम के तहत इंडियन नेवी में लगभग 3000 अग्निवीर उम्मीदवारों का बैच तैयार है. इनमें 341 लड़कियां शामिल हैं. यह पहली बार है जब भारतीय नौसेना (Indian Navy) में महिला उम्मीदवारों की भी भर्ती की जा रही है. नौसेना प्रमुख ने अग्निपथ योजना को नौसेना के लिए एक परिवर्तनकारी कदम बताया है.
अग्निवीरों के पहले बैच ने सूचना देते हुए नौसेना प्रमुख आर हरि ने बताया कि महिला नाविक (Women sailors) अब 29 ट्रेड्स समेत समुद्र में जाने के लिए तैयार हैं. 341 महिलाएं पहले ही ट्रेनिंग के लिए रिपोर्ट कर चुकी हैं. उन्होंने कहा परिचालन के तौर पर पिछले एक साल के दौरान हमारे पास इंटेंस और व्यस्त समय रहा है. आईओआर क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए हमारे जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य प्लेटफार्मों को तैनात किया गया था. उन्होंने कहा कि अगले साल से भारतीय नौसेना में हर दूसरी शाखा के लिए महिला अधिकारियों की एंट्री खुली होंगी.
We've inducted 341 women Agniveers now. It's the first time women are being inducted into the ranks.We're not inducting women separately.They're being inducted in the same manner as their male counterparts. It's a uniform method of selection.They undergo similar tests: Navy chief pic.twitter.com/cWBawosVsf
— ANI (@ANI) December 3, 2022
विक्रांत का कमीशन और नौसैनिक ध्वज- ऐतिहासिक घटना
नेवी चीफ ने कहा कि पिछला साल भले ही परिचालन में व्यस्त रहा हो, लेकिन यह बदलाव का साल था, जिसमें विक्रांत का कमीशन एक ऐतिहासिक घटना थी. यह हमारी स्वदेशी क्षमताओं का एक चमकदार प्रतीक है. इसके अलावा नौसेना के रिकॉर्ड में एक दूसरी महत्वपूर्ण घटना नए नौसैनिक ध्वज का अनावरण थी. यह औपनिवेशिक प्रथा को दूर करना था. इंडियन नेवी चीफ ने बताया कि 15 अगस्त को हमारे सात जहाजों ने सात महाद्वीपों पर तिरंगा फहराया है. इससे हमारी पहुंच का पता चलता है.
2047 तक आत्मनिर्भर हो जाएगी भारतीय नौसेना
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने जानकारी दी कि हमारी क्षमताओं को विकसित करने के लिए विवेकपूर्ण तरीके से बजट पर काफी ध्यान दिया गया है. हम आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रहे हैं. सरकार ने हमें आत्मनिर्भर बनने के निर्देश दिए हैं, हम अपनी सुरक्षा की जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं, इसलिए हमारी प्राथमिकता है कि हम दूसरों पर निर्भर न होकर भविष्य के लिए तैयार बल बनें, हमारे पास 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य है.
Recent global events amply underscore that we can't remain dependent on others for our own security requirements...Govt has given us very clear guidelines on Aatmanirbhar Bharat&one of Navy’s commitments to top leadership is that we'll become Aatmanirbhar Navy by 2047: Navy chief pic.twitter.com/uMifeKRxmH
— ANI (@ANI) December 3, 2022
भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का सपना
भारत के पहले चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ (CDS) और दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने की नींव रखी थी और मौजूदा सीडीएस भी सेनाओं के बीच तालमेल और सामंजस्य बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
Late Gen Bipin Rawat had laid the foundation for increased synergy b/w the 3 services. CDS Gen Chauhan also provided renewed impetus towards the same.We're working on ensuring that we achieve greater jointness,cohesion&subsequent integration in the way we plan&operate: Navy chief pic.twitter.com/ycA5UcICSw
— ANI (@ANI) December 3, 2022
हम गुलामी की मानसिकता से छुटकारा पाने के लिए अपने सभी नियम, विनियमों की समीक्षा कर रहे हैं, जिन्हें प्राचीन औपनिवेशिक प्रथाओं से दूर किया जाना चाहिए, जिनका वर्तमान समय में कोई उपयोग नहीं है. दिवंगत जनरल बिपिन रावत के नाम पर दो ट्रॉफियां हैं जिनमें से एक महिला अग्निवीर के लिए और दूसरी नेवल वॉर कॉलेज के लिए है.