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पहाड़ तो कश्मीर में भी है... फिर भी भयानक लैंडस्लाइड्स से कैसे सेफ रहती है घाटी?

Wayanad Landslide Incident: केरल के वायनाड में हुई लैंडस्लाइड में अभी तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले कुछ सालों में भारत के कई पहाड़ी इलाकों लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं.

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कश्मीर में भयावह लैंडस्लाइड की घटनाएं कम हुई हैं.
कश्मीर में भयावह लैंडस्लाइड की घटनाएं कम हुई हैं.

केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड की वजह से 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लैंडस्लाइड की वजह से मुंडक्कई में पूरा गांव तबाह हो गया है और बताया जा रहा है यहां कोई भी नहीं बच पाया है. इस दर्दनाक घटना के बाद भारत में आने वाली लैंडस्लाइड जैसी प्राकृतिक घटनाओं की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, भारत में काफी बड़ी संख्या ये घटनाएं हो रही हैं और कई लोगों की इसकी वजह से जान चली जा रही है. उत्तराखंड जैसे राज्यों में काफी ज्यादा लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही हैं और इससे हिमाचल, असम, केरल जैसे राज्य भी बचे नहीं हैं.

लेकिन, क्या आपने कभी गौर किया है कश्मीर का बड़ा हिस्सा पहाड़ों में ही बसा हुआ है, लेकिन कश्मीर में लैंडस्लाइड की घटनाएं और राज्यों के मुकाबले थोड़ी कम है. पिछले कई दशक में कश्मीर में कोई बड़ी लैंडस्लाइड की घटना नहीं हुई है और घाटी अभी बड़ी लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं से काफी हद तक सेफ है. तो आज जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कश्मीर किस तरह से इस प्राकृतिक आपदा से बचा हुआ है...

वायनाड की क्या है स्थिति?

कश्मीर की भूगौलिक कंडीशन के बारे में जानने से पहले आपको बताते हैं कि वायनाड में जहां लैंडस्लाइड हुई है, वहां की स्थिति क्या है... दरअसल, वायनाड में 30 जुलाई को लैंडस्लाइड की घटना हुई थी और हादसे को 4 दिन बीतने के बाद भी मलबे से लोगों के निकलने का क्रम जारी है. हादसे में अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, रेस्क्यू में जुटे बचावकर्मियों को अब तक 195 शव ही मिले हैं. बाकी, लोगों की मौत की पुष्टि उनके बॉडी पार्ट्स के जरिए की गई है. 

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भारत में कहां होती है ज्यादा लैंडस्लाइड?

भारत में नॉर्थन वेस्टर्न और नॉर्थ ईस्टर्न हिमालय रिजन में सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड की घटनाएं होती हैं. इसके साथ ही वेस्टर्न घाट के भी वो इलाके हैं, जिन्हें भी लैंडस्लाइड के लिए प्रोन एरिया माना जाता है. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि हिमाचल क्षेत्र में उत्तराखंड को सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड प्रोन माना जाता है और इसके बाद हिमाचल और अन्य राज्यों का नंबर आता है. माना जाता है कि हिमालय क्षेत्र में 40 फीसदी तक लैंडस्लाइड की घटनाएं उत्तराखंड में होती है. इसके अलावा असम, केरल, कर्नाटक में भी लैंडस्लाइड की घटानाएं काफी होती है.

लैैंडस्लाइड

बता दें कि कश्मीर में भी लैंडस्लाइड की घटनाएं काफी होती हैं, लेकिन कश्मीर बड़ी घटनाओं से अभी बचा हुआ है. अगर पिछले दशकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो देश की सबसे भयावह लैंडस्लाइड घटनाओं में कश्मीर में एक भी नहीं हुई है. तो पहले देखते हैं भारत के इतिहास में हुई सबसे भयावह लैंडस्लाइड घटनाओं के बारे में...

- 18 सिंतबर 1948 को असम के गुवाहाटी में लैंडस्लाइड हुई, जिसमें 500 लोगों की मौत हो गई. 
-  4 अक्टूबर 1968 में दार्जिलिंग में एक साथ कई लैंडस्लाइड हुईं और हजारों लोगों की मौत हो गई. 
- 18 अगस्त 1998 को उत्तराखंड मालपा में लैंडस्लाइड से 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. 
- 12 जुलाई 2000 में मुंबई में घाटकोपर में हुई लैंडस्लाईड में 67 लोगों की मौत हो गई. 
- 9 नवंबर 2001 में केरल के अम्बूरी में हुई लैंडस्लाइड में 39 लोगों की मौत हो गई थी. 
- 18 जून 2013 में केदारनाथ में हुई लैंडस्लाइड में भी काफी लोगों की मौत हो गई थी. 
-  30 जुलाई 2014 को महाराष्ट्र के मलीन में हुए हादसे में 150 लोगों की मौत हो गई थी. 
- 6 अगस्त 2020 को केरले पेट्टीमुडी में लैंडस्लाइड  से 65 लोगों की मौत हो गई थी. 
- 18 जुलाई 2021 में महाराष्ट्र के मुंबई में चेंबूर और विखरोली में हुए हादसे में 32 लोग मारे गए थे. 
- 30 जून 2022 में मणिपुर के तुपुल में लैंडस्लाइड से 58 लोगों की मौत हो गई थी. 
- 19 जुलाई 2023 में महाराष्ट्र के रायगढ़ में हुए लैंडस्लाइड में 26 लोगों की मौत हो गई थी. 
- 16 जुलाई 2024 को कर्नाटक के श्रीरूर में हुई लैंडस्लाइड में 8 लोगों की मौत हो गई थी. 
इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तराखंड में भी लैंडस्लाइड की काफी घटनाएं होती रहती हैं. कश्मीर में भी हाल ही में कई घटनाएं हुई हैं. 

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कश्मीर क्यों बचा हुआ है? 

दरअसल, हिमालय के ऊपरी क्षेत्र को लैंडस्लाइड प्रोन इलाका नहीं माना जाता है. आप ऊपर दिए गए नक्शे में देखेंगे तो समझ आएगा कि कश्मीर का काफी हिस्सा हिमाचल के ऊपरी हिस्से में आता है, जिसे ग्रीन एरिया में माना जाता है, यानी यहां काफी कम लैंडस्लाइड होते हैं. इसके ऊपर मॉडरेट, हाई और वेरी हाई कैटेगरी भी है. कश्मीर में नॉर्थ भाग में लैंडस्लाइड कम होने की वजह वहां के पहाड़ भी है.

दरअसल, लाइमस्टोन, सैंडस्टोन और ग्रेनाइट की मात्रा पहाड़ों में होने से ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं. इसके अलावा झेलम और सिंधू जैसी नदियां होने की वजह पानी के ड्रैनेज की भी अलग व्यवस्था है, जिससे भूस्खलन का खतरा कम होता है. इसके अलावा कश्मीर में बारिश भी अन्य मुकाबलों के कम होती है, जिससे भी ये क्षेत्र लैंडस्लाइड से बचा रहता है. इसके अलावा बर्फीले पहाड़ होने की वजह से भी यहां की मिट्टी स्टेबल ज्यादा है. हालांकि ये नहीं कहा जा सकता कि कश्मीर में बिल्कुल भी लैंडस्लाइड नहीं होती हैं, यहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं. मगर यहां की परिस्थितियां अलग  हैं. 
 

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