क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में इस बार भारत का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. दरअसल, इस बार क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में भारत के किसी भी संस्थान ने टॉप 200 में जगह नहीं बनाई है. मंगलवार को जारी की गई इस लिस्ट में देश के अधिकांश प्रमुख संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गई है. हालांकि, पिछले साल की रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली 171 वें स्थान पर था और इस साल संस्थान की रैंकिंग 205 पर आ गई है.
वही, आईआईटी बॉम्बे 235 रैंक से गिरकर 236वें स्थान पर आ गया है. आईआईटी खड़गपुर पिछले साल की रैंकिंग 202 से फिसलकर 236वें स्थान पर आ गई है. इसके अलावा अन्य संस्थानों का ये ही हाल है और कई यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में गिरावट आ गई है.
इस साल टॉप 10 भारतीय संस्थानों में से सात की रैंकिंग में गिरावट आई है. आईआईटी मद्रास 277 से गिरकर 305वें स्थान पर आ गया है. आईआईटी कानपुर 245 से गिरकर 310वें स्थान पर आ गया है. आईआईएस तो 376 से 462वें स्थान पर आ गया है.
क्यूएस एशिया रैंकिंग में थे भारत के कॉलेज
QS Top Universities Asia Rankings 2026 में भारत का आईआईटी दिल्ली 59वें स्थान पर रहा था. इस साल की रैंकिंग में भारत के 294 विश्वविद्यालय शामिल थे. इस साल 36 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, जिसमें सत्यमबा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने सबसे बड़ा सुधार किया है और 111 से 262वें स्थान पर आ गया.
बता दें कि क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में विश्वविद्यालयों के पर्यावरण और सामाज पर होने वाले प्रभाव को देखा जाता है. इनमें पर्यावरण अनुसंधान का परिणाम, पर्यावरण शिक्षा में प्रतिष्ठा और सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में कार्यरत पूर्व छात्रों का प्रभाव शामिल है.