यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) के प्रमुख मामीडाला जगदीश कुमार के अनुसार, इस साल से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-यूजी (CUET UG) और नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) के लिए स्कोर का सामान्यीकरण (Normalisation) नहीं किया जाएगा. यूजीसी अध्यक्ष ने समाचार एजेंसी को बताया, "इस साल स्कोर के नॉर्मलाइजेशन की जरूरत नहीं होगी क्योंकि दोनों परीक्षाओं में एक विषय की परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएंगी."
नॉर्मलाइजेशन एक छात्र के स्कोर को रिवाइज्ड करने की एक प्रक्रिया है ताकि यह दूसरे छात्र के स्कोर के तुलनात्मक बन जाए. यह तब जरूरी हो जाता है जब एक ही विषय की परीक्षा कई सत्रों में आयोजित की जाती है, जिनमें से प्रत्येक में एक अलग प्रश्नपत्र होता है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले, भले ही वे परीक्षा के अलग-अलग शिफ्ट में या विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर उपस्थित हुए हों.
नॉर्मलाइजेशन की जरूरत क्यों होती है?
नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता कई कारणों से होती है, जिनमें शामिल हैं:
CUET और NET से क्यों हटा नॉर्मलाइजेशन सिस्टम?
इन दोनों परीक्षाओं में पहले नॉर्मलाइजेशन सिस्टम के तहत मार्किंग होती थी. यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि पहले, हमें छात्रों को अधिकतम केंद्र उपलब्ध कराने के प्रयास में, एक ही प्रश्नपत्र के लिए दो या तीन दिनों तक परीक्षा आयोजित करनी पड़ती थी. लेकिन इस साल, ओएमआर मोड को अपनाने से, स्कूलों और कॉलेजों में बड़ी संख्या में केंद्र उपलब्ध होंगे, जिससे हम पूरे देश में एक ही दिन परीक्षा आयोजित कर सकेंगे." उन्होंने कहा कि अगर एक ही प्रश्नपत्र के लिए परीक्षा कई दिनों में आयोजित की जाती है, तो सामान्यीकरण की आवश्यकता होती है और यह एक वैज्ञानिक तरीका है." हालांकि छात्र, स्कोर के नॉर्मालइजेशन को लेकर चिंता जताते रहे हैं कि यह उनकी परीक्षा के प्रदर्शन को "अनुचित रूप से" प्रभावित करता है.
CUET UG और UGC NET एग्जाम में हुए ये बदलाव
सीयूईटी-यूजी इस बार 15 मई से 24 मई तक आयोजित किया जाएगा. अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा के पहले के पैटर्न में कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) मोड से बदलाव करते हुए, सीयूईटी-यूजी 15 विषयों के लिए पेन और पेपर मोड में और 48 विषयों के लिए ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा. इसी तरह, यूजीसी-नेट, जो पहले सीबीटी मोड में आयोजित किया जाता था, 16 जून को पेन और पेपर मोड में आयोजित किया जाएगा.
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बता दें कि यूजीसी-नेट भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में "जूनियर रिसर्च फेलोशिप के पुरस्कार और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति", "सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और पीएचडी में एडमिशन" और "केवल पीएचडी में एडमिशन" तीन कैटेगरी में आयोजित होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट है.