
एक मामूली दंपति ने एक सूबे की सरकार को हिलाकर रख दिया. वहां के अफसरों की नींद उड़ा दी. दरअसल, उन दोनों के पास ऐसे बीस से ज्यादा वीडियो हैं, जिसमें कई खास लोगों के राज कैद हैं. अगर ये वीडियो वायरल हो जाएं तो कहने वाले ये भी कह रहे हैं कि उस सूबे की सरकार भी जा सकती है. मिंया-बीवी की ये कहानी ओडिशा की है और किस्सा है हनीट्रेप का.
दंपति का जलवा
हमेशा उनके हाथों में लेटेस्ट मोबाइल फोन और साथ में नई फॉर्च्यूनर कार देखी जाती है. कहीं सोने की इतनी मोटी चेन कि उसके सामने उनका गला छोटा पड़ता नजर आता है तो कहीं आलीशान नक्काशीदार फर्नीचर के साथ शान से खिंचवाई गई उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया में तैरती नजर आती हैं. कभी कहीं किसी नेता, अफसर या रसूखदार शख्स के साथ वो नजदीकियों का दावा करते हैं तो कभी लोग बस उनके जलवे देखते रह जाते हैं.
चर्चा का विषय बन गई है ये दंपति
इनके नाम हैं अर्चना नाग चंद और जगबंधु चंद. जी हां, मियां-बीवी की इस जोड़ी का यही नाम है. लेकिन ये जोड़ी ना तो कोई मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट की जोड़ी है, ना कोई अमीर कारोबारी की और ना ही किसी राजा-रजवाड़े के परिवार से ताल्लुक रखनेवाले रईसजादों की जोड़ी. मगर फिर भी दक्षिण पूर्वी भारत के एक शांत से सूबे से निकल कर इस जोड़ी ने इन दिनों पूरे हिंदुस्तान में ऐसा तहलका मचा रखा है कि इनके किस्से अब ओडिशा से लेकर देश-दुनिया तक में चटखारे लेकर सुनाए जाने लगे हैं.

सरकार पर संकट!
अब उनके साथ अपनी तस्वीरें और नाम देख-देख कर ओडिशा के बड़े से बड़े घाघ नेताओं, अफसरों और कारोबारियों का गला सूखता जा रहा है. और तो और कुछ लोग इस जोड़ी को ओडिशा सरकार पर मंडराते संकट के तौर पर भी देखने लगे हैं.
आखिर क्यों परेशानी का सबब बनी ये जोड़ी?
लेकिन फिर सवाल ये है... आखिर क्यों? आखिर इस जोड़ी में ऐसा क्या है कि वो रातों-रात इतने चर्चे में आ चुकी है? अगर ये वाकई कोई खानदानी रईस नहीं हैं, तो फिर इनके पास इतनी शानो-शौकत, दौलत-शोहरत, ठौर-रसूख कहां से आई? ये ओडिशा के बडे से बडे लोगों के संपर्क में कैसे आए? और अब ये क्यों ओडिशा सरकार के लिेए एक बडी मुसीबत के तौर पर देखे जाने लगे हैं?
ठगी, हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग
तो जवाब है कि ओडिशा के बेहद सामान्य परिवारों से आने वाले लड़का-लड़की की ये जोड़ी दरअसल ठगी, हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग की दुनिया के वो सबसे ताजे नमूने हैं, जिनकी कारस्तानी देखकर अब ओडिशा के तेज तर्रार और स्मार्ट पुलिसवाले भी सन्न रह गए हैं. पुलिस ने फिलहाल इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इनके मकान और गैजेट्स में ओडिशा के बड़े से बड़े अमीर और रसूखदार लोगों के ऐसे-ऐसे राज़ छुपे हैं, जो कभी भी भूचाल ला सकते हैं.

आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें
या फिर यूं कहिए कि भूचाल लाने लगे हैं. अब तक की जानकारी के मुताबिक इस जोड़ी के पास कम से कम 20 सत्ताधारी बीजेडी और बीजेपी नेताओं के साथ-साथ अफसरों, कारोबारियों और दूसरे रसूखदार लोगों के आपत्तिजनक वीडियोज और तस्वीरें हैं.
फिल्म मेकर ने दर्ज कराया था केस
इस पूरे एपिसोड की शुरुआत तब हुई, जब इस जोड़ी ने हनीट्रैप के इस खेल में ओडिशा के ही एक फिल्म मेकर अक्षय परीजा को खींचने की कोशिश की. इल्ज़ाम है कि अर्चना नाग चंद ने एक लड़की के जरिए सबसे पहले अक्षय पर कास्टिंग काउच का आरोप लगाया. और फिर मामले को दबाने के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की. लेकिन फिल्म मेकर अक्षय ने दबने या घबराने की जगह उल्टा भुवनेश्वर के नयापल्ली थाने में केस दर्ज करवा दिया.
3 करोड़ की मांग
अक्षय ने शिकायत में बताया, "अर्चना नाग चंद ने एक वकील के तौर पर उससे मुलाकात की और ये बताया कि उसकी एक क्लाइंट की मेरे साथ कुछ आपत्तिजनक वीडियोज हैं. अगर मैं खुद को इस केस से बचाना चाहता हूं तो मुझे उन्हें 3 करोड़ रुपये देने होंगे वरना वो मेरे टुकड़े टुकड़े कर मुझे जान से मरवा देगी."

लड़की ने भी दर्ज कराई शिकायत
उधर, खंडागिरी थाने में अर्चना के खिलाफ एक लड़की ने शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया था कि अर्चना ने धोखे से उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियोज़ शूट कर लिए और उसे परीजा के साथ नजदीकी बढ़ा कर हनीट्रैप में फंसाने का काम सौंपा गया था. लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि अर्चना और उसके पति जगबंधु ने उसे साल 2019 में अपने घर खाने पर बुलाया था और इसके बाद धोखे से खाने में नशीली चीज़ मिला कर उसके साथ ज्यादती की. जब उसे होश आया तो उसने देखा कि उसके जिस्म पर कपड़े नहीं थे. लड़की का कहना है कि तब तक दोनों ने मिल कर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियोज़ बना लिए थे.
शातिर जोड़ी के अमीर बनने की कहानी
अब जुर्म के रास्ते दो मामूली लोगों के करोड़पति बनने की की तिलस्मी कहानी सुनिए. ओडिशा के बोलांगीर जिले के एक आम परिवार से आने वाली अर्चना 2015 में राजधानी भुवनेश्वर पहुंची. उसने इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स में दाखिला लिया और एक प्राइवेट सिक्योरिटी फर्म में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन कुछ ही महीनों में उसने अपनी नौकरी छोड़ दी और एक ब्यूटी सैलून शुरू कर दिया और बस यहीं से उसने रातों-रात अमीर होने का ऐसा ख्वाब देखा कि सीधे हनीट्रैप रैकेट की मास्टरमाइंड बन गई.
जगबंधु से मिलकर की करोड़ों की उगाही
उसके सपनों को तब पर मिल गए, जब उसकी मुलाकात 2017 में बालासोर के एक और महत्वाकांक्षी नौजवान युवक जगबंधु चंद से हुई. वह गांव में किराने की दुकान चलाता था. दोनों को प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली. फिर तो इसके बाद बंटी-बबली की इस जोड़ी ने वो खेल शुरू किया कि इनके शिकार पानी भी ना मांग सके. अब दोनों बड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने लगे और ब्लैकमेल कर करोड़ों की उगाही करने लगे.

ये थी खतरनाक मोडस ऑपरेंडी
अर्चना और जगबंधु की मोडस ऑपरेंडी भी काफी खतरनाक थी. जगबंधु खुद को एक राजनीतिक पार्टी का मेंबर बताता और उसकी बीवी अर्चना खुद को वकील. दोनों लोगों को अपने घर दावत पर बुलाते और खाने में नशीली चीज़ मिलाकर या फिर हुस्न का लालच देकर उन्हें बिस्तर तक ले जाते और फिर खुफिया कैमरों से उनका आपत्तिजनक वीडियो शूट कर लेते और फिर शुरू होता ब्लैकमेलिंग और वसूली का खौफनाक खेल. अपने पकड़े जाने से पहले दोनों ने सूबे के बेशुमार बड़े से बड़े लोगों को जी भर कर लूटा और करोड़ों की दौलत इकट्ठी की.
कई लोगों की अंतरंग तस्वीरें और वीडियो
सूत्रों की मानें तो इन दोनों ने किसी को नहीं बख्शा. जो भी एक बार इनके घर खाने पर गया, वो काम से गया. चाहे वो सत्ताधारी पार्टी के नेता हो, विपक्ष के बडे चेहरे हों, बडे से बडा ब्यूरोकैट हो, अमीर कारोबारी हो या फिर फिल्म मेकर. इन जोडी के पास हर किसी के ऐसे अंतरंग पलों की तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं, जो किसी को भी बर्बाद कर देने के लिए काफी हैं.
शिकायत पर कार्रवाई नहीं करती थी पुलिस
जानकार बताते हैं कि ये इस जोड़ी का रसूख ही है जो इन्हें अब तक बचाता आ रहा था. इनके खिलाफ ओडिशा में अब तक कई लोगों ने शिकायतें दी और ये सिलसिला पिछले दो सालों से चल रहा था. लेकिन हर बार पुलिस शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल देती थी. लेकिन अब जब एक फिल्म मेकर के साथ एक इनके हाथों इस्तेमाल कर ली गई एक लड़की ने खुद में जाकर शिकायत दी, तो फिर पुलिस के पास कार्रवाई करने के सिवाय कोई रास्ता ही नहीं बचा.

सियासी पार्टियों के नेताओं की मांग
कई लोगों का तो ये भी कहना है कि पुलिस ने दोनों के पास से उनके पेन ड्राइव, मोबाइल फोन और लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त कर लिए हैं. ये सबकुछ उन्हें सजा दिलाने की कोशिश कम, बल्कि उनके गैजेट्स में बेनकाब लोगों को बचाने की कोशिश ज्यादा है. यही वजह है कि सियासी पार्टियों के नेता इस केस में अपने-अपने हिसाब से जांच की मांग कर रहे हैं.
बीजेपी जहां इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है, वहीं बीजेडी ने एसआईटी की जांच पर जोर दिया है. उधर, कांग्रेस गुनहगारों को सजा दिलाने के साथ-साथ दोनों की संपत्ति जब्त करने की मांग कर रही है.