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गोवा अग्निकांड: मुख्य आरोपी लूथरा ब्रदर्स पर कसा शिकंजा, थाईलैंड से भारत लाने की प्रक्रिया तेज

गोवा अग्निकांड मामले में मुख्य आरोपियों लूथरा ब्रदर्स पर शिकंजा कसता जा रहा है. थाईलैंड में हिरासत में लिए गए गौरव और सौरभ लूथरा को भारत लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. बैंकॉक में भारतीय दूतावास लगातार थाई अधिकारियों के संपर्क में है, ताकि प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं जल्द पूरी की जा सकें.

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25 मौतों के आरोपी लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड में दबोचे गए, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू. (File Photo: ITG)
25 मौतों के आरोपी लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड में दबोचे गए, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू. (File Photo: ITG)

गोवा के बहुचर्चित अग्निकांड मामले में फरार चल रहे लूथरा ब्रदर्स अब कानून के शिकंजे में आ चुके हैं. 6 दिसंबर को गोवा के ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी गौरव और सौरभ लूथरा को थाईलैंड में हिरासत में लिया गया है. अब दोनों भाइयों को भारत लाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है.

भारतीय एजेंसियों की मांग पर थाई अधिकारियों ने लूथरा ब्रदर्स के खिलाफ कार्रवाई की है. फुकेट से बैंकॉक लाए जाने के बाद दोनों को इमिग्रेशन डिविजन सेंटर में रखा गया है. बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार थाई प्रशासन के संपर्क में हैं, ताकि स्थानीय कानूनों के तहत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके.

बताया गया है कि गौरव और सौरभ लूथरा ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब के को-ओनर हैं. इसी क्लब में लगी आग ने 25 परिवारों को तबाह कर दिया था. इस हादसे के बाद दोनों भाई विदेश भाग गए थे और थाईलैंड के फुकेट में छिपे हुए थे. लेकिन भारतीय एजेंसियों की सक्रियता के चलते उनका यह प्लान कामयाब नहीं हो सका.

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जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, दोनों भाइयों को पकड़ने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई गई थी. इसका पहला कदम उनके पासपोर्ट रद्द करना था. इसके बाद डिप्लोमेटिक स्तर पर थाईलैंड से संपर्क बढ़ाया गया. दोनों की जानकारी साझा की गई. लगातार ट्रैकिंग के बाद आखिरकार थाईलैंड पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

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फिलहाल दोनों भाई बैंकॉक में हैं. उनके पासपोर्ट पहले ही रद्द किए जा चुके हैं, ऐसे में भारत लाने के लिए उनके नाम पर इमरजेंसी ट्रैवल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. यह सर्टिफिकेट भारतीय दूतावास की ओर से दिया जाता है, इसी वजह से दोनों को बैंकॉक में रखा गया है. थाईलैंड में कानूनी औपचारिकताएं पूरी होते ही उनको भारत लाया जाएगा. 

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