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स्वदेशी जागरण मंच का आरोप, ई-फॉर्मा को बढ़ावा दे रहा आरोग्य सेतु ऐप, PM से शिकायत

कोरोना वायरस ट्रैक करने के लिए बनाए गए आरोग्य सेतु ऐप पर अश्विनी महाजन ने आरोप लगाया कि अगर 10 करोड़ से अधिक भारतीय आरोग्य सेतु ऐप से जुड़ गए हैं तो वे इन ई-फॉर्मा कंपनियों से भी जुड़ गए हैं जो अपनी छूट की वजह से भारत में 7 लाख केमिस्ट की दुकानों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं.

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देशभर में अब तक करीब 10 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया (फाइल-पीटीआई)
देशभर में अब तक करीब 10 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया (फाइल-पीटीआई)

  • मंच ने पीएम मोदी और स्वास्थ्य मंत्री से की शिकायत
  • आरोग्य सेतु ऐप के ई-फॉर्मा प्लेटफॉर्म में चार कंपनियां
  • ऑनलाइन बिक्री से 7 लाख केमिस्ट शॉप पर खतरा बढ़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद खास आरोग्य सेतु ऐप और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सहयोगी संस्था स्वदेशी जागरण मंच के निशाने पर आ गए हैं. स्वदेशी जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि यह ऐप ई-फॉर्मा कंपनियों को बढ़ावा दे रही है और इससे पड़ोस की मेडिकल दुकानों पर खतरा मंडराने लगा है.

आरएसएस की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक अश्विनी महाजन ने ट्विटर पर अपने कई पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए आरोप लगाया कि आरोग्य सेतु ऐप ई-फॉर्मा कंपनियों को बढ़ावा दे रही है जो भारी मात्रा में डिस्काउंट दे रही हैं, और इससे पड़ोस की मेडिकल स्टोर्स पर संकट दिखने लगा है.

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ऐप में 4 कंपनियों का जिक्र

इंडिया टुडे से खास बातचीत में अश्विनी महाजन ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप के ई-फॉर्मा प्लेटफॉर्म से जुड़ा एक लिंक है जिसमें चार कंपनियां हैं और ये विदेशी वित्त पोषित कंपनियां हैं जो दवा और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य वस्तुओं की ऑनलाइन खरीद पर भारी छूट दे रही हैं.

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उन्होंने कहा कि उनके संगठन को इस मसले पर गंभीर आपत्ति है कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ पंत ने ट्विटर पर अपने एक पोस्ट के जरिए इन ई-फॉर्मा कंपनियों को बढ़ावा दिया.

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इस संबंध में विरोध दर्ज करने के लिए अश्विनी महाजन ने ट्विटर पर अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को भी टैग किया.

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मेडिकल स्टोर्स को खतरा

स्वदेशी जागरण मंच के एक कार्यकर्ता ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप के होम पेज पर हाल ही में आरोग्यसेतु मित्र नाम का एक लिंक जोड़ा गया है. अगर कोई ऐप सब्सक्राइबर इस पर क्लिक करता है तो एक डायलॉग बॉक्स खुलता है जिसमें वह यह बताता है कि यह पेज ऐप के बाहर खुलेगा.

आरोप यह है कि आरोग्य सेतु ऐप फिर एक पेज पर जाता है जहां ऑनलाइन परामर्श और ई-फॉर्मा कंपनियों के लिंक मौजूद हैं.

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मंच इस बात से नाखुश है कि ई-फॉर्मा कंपनियां जो ऑनलाइन खरीद की सेवाएं दे रही हैं वो हैं 1MG, OharmEasy, MedLife और NetMeds.

स्वदेशी जागरण मंच का आरोप है कि ये विदेशी संस्थाओं द्वारा समर्थित हैं और ऐसा किए जाने से स्थानीय केमिस्ट और बिजनेस पर खतरा मंडराने लगा है.

महाजन ने कहा, 'अगर 10 करोड़ से अधिक भारतीय आरोग्य सेतु ऐप से जुड़ गए हैं तो वे इन कंपनियों से भी जुड़ गए हैं जो अपनी छूट की वजह से भारत में 7 लाख केमिस्ट की दुकानों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं.

मंच को इस बात की भी आशंका है कि लॉकडाउन के कारण शाम 7 से सुबह 7 बजे तक देशव्यापी बंदी की वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग इस ऐप पर जाकर ऑनलाइन के जरिए दवा और मेडिकल से जुड़ी चीजें ऑर्डर कर सकते हैं जिससे स्थानीय केमिस्टों को नुकसान होगा.

आरएसएस से संबंधित भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया पर अदालती आदेश को पोस्ट किया है.

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यह आदेश 18 दिसंबर 2018 को जारी किया गया था, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि बिना लाइसेंस के दवा की ऑनलाइन बिक्री नहीं की जा सकती. सरकार ने हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर-आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी को मंजूरी दी है.

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