देश की तमाम बड़ी आईटी कंपनियों ने पिछले एक साल में दमदार रिटर्न दिया है. लेकिन रिटर्न की रेस में विप्रो ने बाकी बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है. खासकर TCS, इंफोसिस और HCL टेक जैसी कंपनियां पीछे रह गईं.
दरअसल, विप्रो ने पिछले एक साल में 47 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. इसके बाद टेक महिंद्रा लिमिटेड ने (45.72 फीसदी), HCL टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने (43.85 फीसदी), इंफोसिस लिमिटेड ने (33.46 फीसदी) और TCS ने (24.81 प्रतिशत) रिटर्न दिया है.
Wipro शेयर को लेकर नया टारगेट
इस बीच ब्रोकरेज ने आईटी दिग्गज Wipro के लिए अपने आय अनुमानों को बरकरार रखा है, लेकिन तेज वृद्धि रिकवरी के कारण अपने लक्ष्य मूल्यांकन को अनुमानित वित्त वर्ष 27 ईपीएस के 20 गुना से बढ़ाकर 25 गुना कर दिया है. ब्रोकरेज ने विप्रो को 'Hold' से अब 'Buy' रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 520 रुपये से बढ़ाकर 700 रुपये कर दिया है.
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि Wipro एक बार फिर उस मोड़ पर है- जहां नया CEO, नई अपेक्षाएं, नई उम्मीदें. ब्रोकरेज के मुताबिक सितंबर 2024 में फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती और अमेरिका में मैक्रो डायनेमिक्स में सुधार के बाद से आईटी सेक्टर को बल मिलेगा और इसका फायदा विप्रो को भी होगा.
इसके अलावा, नुवामा ने कहा कि विप्रो के पोर्टफोलियो में ऐसे सेगमेंट हैं जिनमें आने वाली तिमाहियों में मजबूत रिकवरी देखने को मिलेगी. इसकी कंसल्टिंग शाखा (मुख्य रूप से कैप्को) पिछली दो तिमाहियों से बढ़ रही है.
नया बाहरी CEO का प्रयोग सफल
बता दें, विप्रो ने अप्रैल 2024 में Pallia को नया CEO नियुक्त किया है. 14 साल तक बाहरी चेहरे को CEO बनाने के बाद कंपनी ने अब प्रयोग के तौर पर कंपनी के अंदर के चेहरे पर दांव लगाया है. जो कंपनी के लिए अब तक सफल रहा है.
वहीं बुधवार को कारोबार के अंत में Wipro के शेयर 0.87 फीसदी की गिरावट के साथ 583.85 रुपये पर बंद हुआ. पिछले एक महीने में इसने करीब 4.52 फीसदी का रिटर्न दिया है. जबकि 5 साल में विप्रो ने निवेशकों को 145.62% रिटर्न दिया है.
गौरतलब है कि विप्रो लिमिटेड भारत की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरू में है. इसकी स्थापना अज़ीम प्रेमजी ने किया था. इस कंपनी में करीब 2.33 लाख कर्मचारी हैं. इससे बड़ी आईटी कंपनी TCS, इंफोसिस और HCL Tech है.