दुबई जाने वाले अधिकतर भारतीय लौटते समय सोना खरीदना पसंद करते हैं. आखिर क्यों लोग दुबई से सोना लेकर भारत आते हैं, और भारत के मुकाबले वहां कितना सस्ता मिलता है. लोग ये भी जानना चाहते हैं कि दुबई से कितना सोना लेकर आ सकते हैं?
दरअसल, दुबई में भारत के मुकाबले सोना काफी सस्ता मिलता है, ये तो हर किसी को पता है. क्योंकि अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मार्केट से जुड़े होने के कारण यहां कीमतें लगभग 'स्पॉट प्राइस' के करीब मिलती हैं.
भारत में सोने का भाव (24 कैरेट): 12,569 रुपये प्रति ग्राम.
दुबई में सोने का भाव (24 कैरेट): AED 488.22 प्रति GRAMG है (यानी 11,800 रुपये).
फिलहाल भारत के मुकाबले दुबई में सोना करीब 10 फीसदी सस्ता है. इसके अलावा भारत के मुकाबले दुबई में सोने पर कम मेकिंग चार्ज लगता है. इस तरह से कुल मिलाकर सोना करीब 20 फीसदी तक सस्ता हो जाता है. जिससे लोग दुबई से सोना खरीदकर लाना पसंद करते हैं, सस्ते की वजह से सोने की तस्करी की खबरें भी आती रहती हैं.
बता दें, भारत में ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज 8–25% तक वसूला जाता है, जबकि दुबई में यह सिर्फ 2–8% तक लगता है. जिससे भारत के मुकाबले दुबई में ज्वेलरी काफी सस्ती पड़ती है. इसके अलावा दुबई का गोल्ड मार्केट खासकर Gold Souk अपनी 99.9% शुद्धता के लिए दुनियाभर में मशहूर है. इसलिए वहां से खरीदा हुआ गोल्ड बिल, सर्टिफिकेट और हॉलमार्क के साथ मिलता है.
कस्टम विभाग का ये नियम... कितना लेकर आ सकते हैं सोना
इस बीच साल 2025 में दुबई से भारत लौटने वाले यात्रियों के लिए सोना लाने के नियम को कस्टम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के मुताबिक पुरुष यात्रियों को बिना ड्यूटी के 20 ग्राम तक सोना (अधिकतम मूल्य 50,000 रुपये) लाने की अनुमति है, जबकि महिलाओं और 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए यह सीमा 40 ग्राम (अधिकतम मूल्य 1 लाख रुपये) रखी गई है.
अगर कोई सीमित मात्रा से ज्यादा सोना लेकर आता है, तो फिर कस्टम ड्यूटी चुकानी होती है. पुरुषों के लिए 20–50 ग्राम पर 3%, 50–100 ग्राम पर 6% और 100 ग्राम से ऊपर पर 10% ड्यूटी है. महिलाओं और बच्चों के लिए भी इसी तरह की स्लैब दरें निर्धारित हैं.
यही नहीं, एक खास नियम के तहत यात्री एक किलो तक सोना दुबई से लेकर भारत आ सकता है. लेकिन इसके लिए यात्री को कम से कम 6 महीने या उससे अधिक समय तक दुबई में रहना होगा, यानी कम से कम 6 महीने से अगर कोई दुबई में रह रहा हो तो फिर वो अपने सामान में 1 किलो तक सोना ला सकता है, हालांकि इसके लिए ड्यूटी का भुगतान करना पड़ेगा. ड्यूटी का भुगतान करते समय सोने की खरीद का बिल, प्योरिटी सर्टिफिकेट और निर्माताओं का सीरियल नंबर दिखाना होगा.
एक और अहम बात
साल 2025 में भारत-यूएई के आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के अंतर्गत सोने के आयात पर नियमन कड़ा कर दिया गया है, अब अनचाहा (Unwrought) या पाउडर रूप में सोना सिर्फ उन एजेंसियों के माध्यम से ही आयात किया जा सकता है जो CEPA के तहत नामांकित हैं. यह कदम कीमती धातुओं के अवैध आयात और सोने की तस्करी को नियंत्रित करने की दिशा में बड़ा कदम है.