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Loan पाने के लिए ही नहीं, जॉब दिलाने में भी मददगार है Cibil Score, जानें कैसे?

बीते साल के जुलाई महीने में बैंकिंग रिक्रूटमेंट एजेंसी इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (IBPS) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को छोड़कर अन्य सरकारी बैंकों में नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य योग्यता में सिबिल स्कोर को भी जोड़ा था.

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बैंकों समेत कई कंपनियां जॉब देने से पहले जांच रहीं आवेदकों की क्रेडिट हिस्ट्री
बैंकों समेत कई कंपनियां जॉब देने से पहले जांच रहीं आवेदकों की क्रेडिट हिस्ट्री

आमतौर पर आपने देखा और सुना होगा कि किसी व्यक्ति का लोन बैंक (Loan) से पास नहीं हो पाया और इसका कारण रहा खराब सिबिल स्कोर (Cibil Score), जी हां ये बिल्कुल सही है बैंक से छोटा या बड़ा लोन लेना हो तो इसका दुरुस्त रहना जरूरी है, सिर्फ लोन ही नहीं आपको रोजगार दिलाने में भी इस आंकड़े का अहम योगदान होता है. कई कंपनियां अपने यहां नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले आवेदकों के बैकग्राउंड वेरिफिकेशन के दौरान उनकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) की जांच करती हैं. बैंकों ने तो बीते साल एक नोटिफिकेशन जारी कर इसे अनिवार्य योग्यता के तौर पर शामिल किया हुआ है. 

सिबिल स्कोर की जरूरत ऐसे समझें 
सबसे पहले बात कर लेते हैं आखिर ये Cibil Score होता क्या है और इसके जरिए बैंक लोन लेने वाले आवेदकों के बारे में ये पता लगाता है कि क्या बैंक से लिए गए कर्ज को ये चुका पाएगा. पहले किस तरह के और कितने कर्ज लिए गए हैं और उनका पेमेंट टाइम पर किया गया है या नहीं. दूसरे शब्दों में कहें तो ये भरोसे का एक पैमाना होता है. कुछ ऐसा ही भरोसा और ईमानदारी मापने के लिए कई बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियां भी नौकरी देने से पहले क्रेडिट हिस्ट्री को जांचने को अहमियत देने लगी हैं. मानकों के आधार पर देखें तो किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 900 प्वाइंट्स के बीच होता है और 700 से ऊपर को अच्छा (Best Credit Score) माना जाता है.

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दरअसल, सिबिल स्‍कोर किसी शख्‍स की क्रेडिट हिस्‍ट्री (Credit History) को दर्शाता है. ये बताता है कि आपने कब-कब कर्ज लिया, आपके पास अभी कितने कर्ज हैं, आप कितने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं और आपके ऊपर कितनी देनदारियां हैं. इसके अलावा क्रेडिट स्कोर के जरिए कर्ज भुगतान को लेकर आपकी जिम्मेदारी के बारे में भी पता चलता है.

IBPS ने जॉब के लिए किया था अनिवार्य
बीते साल के जुलाई महीने में बैंकिंग रिक्रूटमेंट एजेंसी इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (IBPS) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को छोड़कर अन्य सरकारी बैंकों में नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य योग्यता में सिबिल स्कोर को भी जोड़ा था. इसके साथ ही इसके लिए आंकड़ा भी निर्धारित किया था. नोटिफिकेशन के मुताबिक, बैंकों में नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले आवेदकों का सिबिल स्कोर 650 या उससे ऊपर होना जरूरी है. इसमें सलाह भी दी गई थी कि आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखें.

बैंक की तरह कई कंपनियों ने किया जरूरी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों के अलावा अब  सिटी बैंक, डोएचे बैंक, टी सिस्टम्स जैसी मल्टीनेशनल फर्में भी अन्य जांच परख के साथ ही नौकरी के लिए आवेदन करने वाले आवेदक की सिबिल हिस्ट्री को जांचती है. पहले कहा जाता था कि सिबिल स्कोर के खराब होने से बैंक से लोन नहीं मिल पाएगा, लेकिन बैंकों और अन्य बड़ी कंपनियों में नौकरी के लिए योग्यताओं में जोड़े गए इस नए क्रेडिट क्लॉज से सिबिल स्कोर की अहमियत और भी बढ़ गई है. अगर आपका सिबिल खराब है, तो फिर घबराएं नहीं, कुछ सावधानियां और टिप्स अपनाकर इसे ठीक किया जा सकता है. 

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सिबिल स्कोर ठीक करेंगे ये टिप्स

  • अगर आपके ऊपर कोई Loan चल रहा है, तो उसकी ईएमआई का भुगतान (EMI Payment) समय पर करें. 
  • Credit Card में दी गई लिमिट का यूज सावधानी से करें, बहुत जरूरत न हो तो इसका 30-40 फीसदी ही इस्तेमाल करें. 
  • नए कर्ज के लिए तभी अप्लाई करें, जबकि आप पहले लिए गए लोन को चुका लें, ऐसा नहीं करने पर बोझ बढ़ सकता है. 
  • एक साथ कई लोन ना लें, क्योंकि इससे आपको EMI भरने में दिक्कत पेश आ सकती है, जिसका सिबिल पर असर होगा. 
  • अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की निगरानी करें, इससे आपको कमियां जानने में मदद मिलेगी और आप समय पर इसे सुधार लेंगे. 
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