जल्द ही आप अपने घर या ऑफिस ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करके अपने मोबाइल फोन के साथ-साथ लैंडलाइन पर भी कॉल कर पाएंगे. जल्द ही टेलीकॉम ऑपरेटर और टेलीफोनी लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनियां आपको एक नया मोबाइल नंबर देंगी, जिसके लिए सिम कार्ड की जरूरत नहीं होगी. सरकार ने इंटरनेट टेलीफोनी को अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
टेलीकॉम ऑपरेटर और टेलीफोनी लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनियां आपको एक नया मोबाइल नंबर देंगी. इसके लिए सिम की जरूरत नहीं होगी, लेकिन आपको टेलीफोनी ऐप डाउनलोड करना होगा. टेलीकॉम अथॉरिटी ने पिछले साल बार-बार कॉल ड्राप होने की परेशानी से ग्राहकों को बचाने के लिए यह प्रस्ताव लाया था.
ट्राई के सलाहकार अरविंद कुमार ने कहा कि यह उपाय नए कनेक्टिविटी विकल्पों की पेशकश करके यूजर्स को फायदा दिलाएगा. इससे कनेक्टिविटी के लिए यूजर्स को ज्यादा विकल्प मिलेंगे. यह उन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगा, जहां कनेक्टीविटी की दिक्कतें पेश आती हैं.
प्रक्रिया को समझाते हुए एक अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट टेलीफोनी का लाभ उठाने के लिए यूजर्स को उस ऐप को डाउनलोड करने की जरूरत होगी, जिसे ऑपरेटर ऑफर करता है. इसके बाद एक 10 अंकों का नंबर मिलेगा जो कि किसी भी अन्य मोबाइल टेलीफोन नंबर की तरह है.
उदाहरण के लिए, आप अपनी मौजूदा टेलीकॉम जरूरतों के लिए एयरटेल सिम का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन बाद में एक जियो इंटरनेट टेलीफोनी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं जिसके लिए आपको एक नया और अलग नंबर मिलेगा, ब्रॉडबैंड का उपयोग करके कॉल करने के लिए इस ऐप का उपयोग किया जा सकता है.
हालांकि, अगर आप उसी सर्विस प्रोवाइडर की ऐप को डाउनलोड करते हैं जिसका आप वर्तमान में उपयोग कर रहे हैं, तो आप वही नंबर प्रयोग कर सकते है, अधिकारी ने कहा कि ट्राई ने वॉयस कॉल करने के लिए किफायती विकल्प के रूप में इंटरनेट कॉलिंग को चुना है.