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पंजाब परिवहन विभाग की कमाई बढ़ी, 6 महीने में ही राजस्व 608 करोड़ रुपये उछला

पंजाब रोडवेज-पनबस की आय का विवरण साझा करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2022 तक 360.63 करोड़ रुपये की आय के साथ पंजाब रोडवेज/पनबस ने पिछले साल के 247.35 करोड़ रुपये के मुकाबले 113.28 करोड़ रुपये अधिक कमाए हैं. परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने इस बारे में जानकारी दी है.

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पंजाब परिवहन विभाग का राजस्व बढ़ा.
पंजाब परिवहन विभाग का राजस्व बढ़ा.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व में पंजाब सरकार के परिवहन विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. विभाग ने छह महीनों में 608.21 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ कुल 1957.64 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया है. परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि विभाग की कुल तीन शाखाओं एस.टी.सी, पी.आर.टी.सी. और पंजाब रोडवेज/पनबस ने इस साल अप्रैल से सितंबर तक 1957.64 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो पिछले वर्ष इस अवधि के दौरान हुए कलेक्शन के मुकाबले 45.07 प्रतिशत अधिक है.

40 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी

उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पिछले वर्ष यह राजस्व 1349.43 करोड़ रुपये था. विभाग की शाखा-वार राजस्व कलेक्शन का विवरण देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर दफ्तर को अप्रैल से सितंबर 2022 तक कुल 1203.39 करोड़ रुपये की आय हुई है, जो पिछली सरकार के समय 855.95 करोड़ रुपये थी. उन्होंने बताया कि 347.44 करोड़ रुपये की यह बढ़ोतरी 40.60 फीसदी बनती है.

उन्होंने बताया कि पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कोर्पोरेशन (पी.आर.टी.सी) ने इस वर्ष के पहले छह महीनों में 393.62 करोड़ रुपये जुटाए हैं. वहीं, पिछले वर्ष इस अवधि के दौरान यह कमाई 246.13 करोड़ रुपये थी. उन्होंने बताया कि पी.आर.टी.सी. ने इन छह महीनों में 147.49 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.  

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इस वजह से बढ़ा राजस्व

पंजाब रोडवेज/पनबस की आय का विवरण साझा करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2022 तक 360.63 करोड़ रुपये की आय के साथ पंजाब रोडवेज-पनबस ने पिछले साल के 247.35 करोड़ रुपये के मुकाबले 113.28 करोड़ रुपये अधिक कमाए हैं. यह वृद्धि 45.79 प्रतिशत बनती है.  

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार द्वारा टैक्स चोरी, गैर-कानूनी गतिविधियों और बिना पर्मिट वाले बस ऑपरेटरों पर नकेल कसने की कोशिश के बाद विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
 

 

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