भारत में 4 नए श्रम कानून को अधिकारिक तौर पर नोटिफाई कर दिया गया है, जिसने पुराने 29 कानूनों की जगह लेगा. यह बदलाव देश में कार्य को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बानने के लिए किया गया है, ताकि कर्मचारियों को एक आसान नियम के तहत रजिस्टर्ड किया जा सके और उन्हे ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके.
इन चार नए कानूनों के आने से सबसे बड़ा बदलाव सैलरी, पेंशन, ग्रेच्युटी और पीएफ में होने जा रहा है. कहा जा रहा है कि इससे कर्मचारियों की टेक होम सैलरी (Take Home Salary0 कम हो सकती है, लेकिन रिटायरमेंट सिक्योरिटी जैसे पीएफ और अन्य अलाउंस में इजाफा हो सकता है. आइए नए श्रम कानूनों के चार बड़े फायदे जानते हैं.
गिग वर्कर्स के लिए कानूनी मान्यता और सामाजिक सुरक्षा
पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को श्रम कानून के तहत औपचारिक रूप से मान्यता दी गई है. यह उन लोगों के लिए एक बड़ा कदम है, जो लंबे समय से आधिकारिक सुरक्षा के बिना काम कर रहे हैं.
जिप्पी के संस्थापक और सीईओ माधव कस्तूरिया बताते हैं कि नए श्रम कानूनों ने आखिरकार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को कानूनी मान्यता दे दी है. इससे वे बीमा, PF से जुड़े लाभ और पेंशन सहायता के साथ एक सामाजिक सुरक्षा लाभ में आ गए हैं. यह मान्यता लाखों डिलीवरी डील्स और ऐप्स बेस्ड वर्कर्स को ज्यादा फाइनेंशियल सिक्योरिटी और लॉन्गटर्म स्टैबिलिटी प्रोवाइड करती है.
सभी सेक्टर में मिनिमम सैलरी और टाइम पर पेमेंट
नए बदलाव के तहत अब सभी कैटेगरी के श्रमिकों के लिए ऑफर लेटर, न्यूनतम मजदूरी और समय पर वेतन भुगतान अनिवार्य है.कस्तूरिया गिग वर्कर्स पर पड़ने वाले प्रभाव पर बोलेते हुए उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन और समय पर भुगतान अब सभी कैटेगरी के श्रमिकों के लिए अनिवार्य है. इससे अलग-अलग शिफ्टों में काम करने वाले डिलीवरी पार्टनर्स की आय में उतार-चढ़ाव कम होता है.
बेहतर स्वास्थ्य कवर और सालाना टेस्ट
नए नियम ईएसआई कवरेज का विस्तार करके और फ्री सालाना हेल्थ चेकअप की सुविधा प्रदान करके स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को भी मजबूत करते हैं. कस्तूरिया के अनुसार, निःशुल्क वार्षिक चिकित्सा जांच और विस्तारित ईएसआई कवरेज, सड़क पर लंबे समय तक काम करने वाले गिग वर्कर्स के दैनिक स्वास्थ्य में सुधार करेगा.नियमित स्वास्थ्य निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने से अनुपचारित बीमारियों के कारण होने वाले दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम और वित्तीय तनाव को कम किया जा सकता है.
महिलाओं के लिए बेहतर सुरक्षा और अधिक अवसर
महिलाएं अब अलग-अलग भूमिकाओं में काम कर सकेंगी, जिसमें नाइट शिफ्ट भी शामिल है, बशर्ते नियोक्ता उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करें और उनकी सहमति प्राप्त करें. यह परिवर्तन तेजी से बढ़ते क्षेत्रों जैसे क्विक कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में व्यापक अवसरों के द्वार खोलता है.
एग्रीगेटर्स की ओर से सपोर्टिव वेलफेयर फंड
गिग वर्कर्स के लिए एक नया वेलफेयर मॉडल भी पेश किया जा रहा है, जहां प्लेटफॉर्म कंपनियां अपने टर्नओवर का 1 से 2% सामाजिक सुरक्षा कोष में योगदान देंगी.कस्तूरिया इस कदम के महत्व को समझाते हुए कहते हैं कि एग्रीगेटर्स गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष में टर्नओवर का 1 से 2% योगदान देंगे, जिससे लॉन्ग टर्म वेलफेयर फंड तैयार होगा. इस फंड से लाखों प्लेटफार्म-बेस्ड वर्कर्स के लिए बीमा, पेंशन और अन्य दीर्घकालिक लाभों का समर्थन मिलने की उम्मीद है.