कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) के उन आरोपों का खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि गौतम अडानी (Adani Group) की कंपनी ने रेलवे का टेकओवर कर लिया है. दरअसल, अडानी ग्रुप ने पिछले दिनों ऑनलाइन ट्रेन बुकिंग प्लेटफॉर्म ट्रेनमैन (Trainman) के अधिग्रहण का ऐलान किया था. इसके बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा था कि पहले IRCTC से टक्कर और अब टेकओवर. IRCTC ने जयराम रमेश के आरोप को खारिज करते हुए पलटवार किया और उनके ट्वीट को भ्रामक बता दिया.
अडानी समूह ने ट्रेनमैन में खरीदी है हिस्सेदारी
दरअसल, अडानी एंटरप्राइजेज ने स्टार्क एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाले 'ट्रेनमैन' में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए डील साइन किए हैं. ट्रेनमैन एक ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म है. अडानी एंटरप्राइजेज ने डील के बारे में भारतीय बाजार को सूचित किया था.
इस डील पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'पहले आईआरसीटीसी से टक्कर और फिर टेकओवर' इसके बाद IRCTC ने मामले को स्पष्ट करते हुए कहा कि ट्रेनमैन IRCTC का पूरक होगा और हिस्सेदारी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
IRCTC का बुकिंग एजेंट है ट्रेनमैन
ट्रेनमैन IRCTC के 32 अधिकृत बी2सी (बिजनेस टू कस्टमर) भागीदारों में से एक है. हिस्सेदारी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सभी एकीकरण और ऑपरेशन IRCTC के जरिए किए जाते रहेंगे. यह केवल आईआरसीटीसी का पूरक होगा और आईआरसीटीसी के लिए कोई खतरा या चुनौती नहीं है. ट्रेनमैन आईआरसीटीसी द्वारा अधिकृत ट्रेन टिकट बुकिंग एजेंट है.
अडानी समूह का रेलवे सेक्टर में ये पहला कदम है. हालांकि, ट्रैवल सेक्टर में अडानी ग्रुप का ये दूसरा निवेश है. अडानी समूह ने साल 2021 में फ्लिपकार्ट इंडिया के ऑनलाइन ट्रैवल एग्रिगेटर क्लियरट्रिप में हिस्सेदारी खरीदी थी.
अडानी एंटरप्राइजेज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडानी डिजिटल लैब्स ने एक्सचेंज फाइलिंग के माध्यम से ट्रेनमैन के अधिग्रहण की घोषणा की है. कंपनी ने ट्रेनमैन में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए एक शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
साल 2011 में हुआ था शुरू
ट्रेनमैन की स्थापना साल 2011 में आईआईटी रुड़की से पढ़े विनीत चिरानिया और करण कुमार ने ट्रेन संबंधी मुद्दों के लिए की थी. इसके जरिए ट्रेन में सीट की उपलब्धता और ट्रेन के स्टेटस और अन्य चीजों की जानकरी मिलती है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ही कांग्रेस पार्टी अडानी ग्रुप पर हमलावर रही है. अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अकाउंट फ्रॉड और शेयरों में हेरफेर का आरोप लगाया था. हालांकि, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की सभी आरोपों को खारिज कर दिया था.