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IndiGo के मालिक कौन हैं? दो दोस्तों ने मिलकर की थी शुरुआत, उधारी के थे विमान

IndiGo Airlines के विमानों ने पहली बार साल 2006 में उड़ान भरी थी. इस कंपनी की शुरुआत दो दोस्तों ने मिलकर की थी और देखते ही देखते ये देश की नंबर-1 एयरलाइंस बन गई. फिलहाल इसमें भारी संकट देखने को मिल रहा है.

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दो दोस्तों ने मिलकर की थी इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत (File Photo: ITG)
दो दोस्तों ने मिलकर की थी इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत (File Photo: ITG)

इंडिगो एयरलाइंस संकट (IndiGo Crisis) में है और इसके यात्री हवाई अड्डों पर परेशान नजर आ रहे हैं. लगातार सातवें दिन IndiGo Flights सामान्य नहीं हो सकी हैं और इनमें देरी और उड़ानों के रद्द होने का सिलसिला जारी है. अब तक हजारों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं और सोमवार को भी करीब 450 फ्लाइट्स कैंसिल की गईं. IndiGo Crisis भारतीय एविएशन सेक्टर में सबसे बड़ा संकट बनता जा रहा है. इस बीच क्या आप जानते हैं आज संकट में फंसी भारत की इस सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी के मालिक कौन है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी?

दो दोस्तों ने मिलकर शुरू की थी IndiGo
इंडिगो की शुरुआत साल 2006 में की गई थी और भारतीय एविएशन मार्केट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाली इस एयरलाइन कंपनी को दो दोस्तों ने शुरू किया था. ये थे राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल, जिन्होंने मिलकर IndiGo की नींव रखी. राहुल भाटिया जहां University Of Waterloo से पढ़े हैं, तो वहीं राकेश गंगवाल आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के छात्र रहे हैं. दोनों ने ही पढ़ाई पूरी करने के बाद तमाम बड़ी कंपनियों में काम किया और फिर साल 2004 में मिलकर इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की शुरुआत की थी. 

IndiGo Crisis

उधारी के विमान पर शुरू हुई फ्लाइट
Interglobe Aviation की शुरुआत की कहानी बेहद दिलचस्प है, क्योंकि इसे ऐसे समय में शुरू किया गया था जबकि देश का एविएशन सेक्टर संकट में था. इसके बावजूद दोनों दोस्त अपने फैसले पर कायम रहे और एयरलाइन शुरू करने के लिए लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया. लेकिन, बड़ी समस्या ये थी कि ऑपरेशन शुरू करने के लिए कंपनी के पास कोई विमान नहीं था, इस वजह से दो साल बीत गए और फ्लाइट शुरू नहीं हो सकीं.

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बस यहां राकेश गंगवाल की जान-पहचान काम आई. उन्होंने एयरबस से उधारी पर 100 विमान लिए और फिर 4 अगस्‍त 2006 को कंपनी ने आसमान पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद ये देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई. IndiGo की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन साल 2015 में भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी. फिलहाल राहुल भाटिया इंटरग्लोब एविएशन का नेतृत्व कर रहे हैं.

IndiGo में संकट की वजह क्या? 
IndiGo Airlines जिस संकट में फंसी हुई है, उसके पीछे की वजह क्या है. तो परेशानी शुरू होने पर इंडिगो ने इस संकट के लिए तकनीकी खराबी से लेकर नए क्रू रोस्टरिंग रूल को जिम्मेदार ठहराया है. एयरलाइन ने अपने एक बयान में कहा था कि 1 नवंबर से लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों के कारण पायलट और चालक दल की भारी कमी है और दूसरी ओर अब फ्लाइट घंटों पर लिमिट भी सेट कर दी गई है, जिसमें पायलटों को लंबा आराम दिया गया है. पायलट और क्रू-मेंबर्स की कमी से जूझती एयरलाइन ने सात दिनों में हजारों फ्लाइट कैंसिल की हैं, जबकि करीब 610 करोड़ रुपये के टिकट रिफंड भी दिए हैं. 

IndiGo Crisis

संकट में फ्लाइट रद्द, शेयर भी धड़ाम
संकट में फंसी इंडिगो एयरलाइन का असर इसके शेयर और मार्केट कैप पर भी देखने को मिल रहा है. सोमवार को तो Interglobe Aviation Share 9% तक फिसल गया और इसका मार्केट कैप भी गिरकर 1.89 लाख करोड़ रुपये पर आ गया. रिपोट्स के मुताबिक, इंटरग्लोब एविएशन में को-फाउंडर राहुल भाटिया की स्टेकहोल्डडिंग महज 0.01% है, जबकि राकेश गंगवाल के पास कंपनी में 4.53% हिस्सेदारी है.

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अगर बात करें, IndiGo Founders की नेटवर्थ के बारे में, तो फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, राहुल भाटिया की कुल संपत्ति 8.1 अरब डॉलर है. वहीं रिपोर्ट की मानें तो राकेश गंगवाल की नेटवर्थ करीब 5.8 अरब डॉलर है. 

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