शेयर बाजार में आज गिरावट देखी जा रही है. इस बीच, मंगलवार को बजाज हाउसिंग फाइनेस के शेयरों में 9 फीसदी की गिरावट आई. यह गिरावट प्रमोटर बजाज फाइनेंस द्वारा ब्लॉक डील के बाद आई है. प्रमोटर समूह की इकाई खुले बाजार में 95 रुपये प्रति शेयर के संभावित ऑफर फ्लोर प्राइस पर 2 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जो एनएसई पर सोमवार के 104.59 रुपये के बंद भाव से 9 प्रतिशत कम था. यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि मिनिमम पब्लिक होल्डिंग्स नियम को पूरा करना चाहता था.
1 दिसंबर तक प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की कुल शेयर होल्डिंग 7,39,10,03,845 शेयर या बजाज हाउसिंग फाइनेंस की कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 88.70 प्रतिशत थी. सोमवार को बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि पूरा प्रॉसेस 2 दिसंबर 2025 के शुरू होकर 28 फरवरी 2026 तक या सभी इक्विटी सेल पूरा होने की डेट तक, एक या एक से ज्यादा किस्तों में पूरी की जाएगी. अपनी कुल शेयर कैपिटल में से बजाज फाइनेंस ने कंपनी की अपनी इक्विटी का 2 फीसदी (कुल मिलाकर 166,600,000 शेयर) तक एक या एक से अधिक किस्तों में विनिवेश का प्रस्ताव रखा था.
18 फीसदी गिर चुका है ये शेयर
आंकड़ों से पता चलता है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर 2025 में अब तक 18 प्रतिशत गिर चुका है. वहीं बीएसई फाइनेंस इंडेक्स में 15 प्रतिशत की तेजी आई है. मंगलवार को एनएसई पर यह शेयर 9.08 प्रतिशत गिरकर 95 रुपये प्रति शेयर पर खुला, जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 79,240.50 करोड़ रुपये था. अब तक एक्सचेंज पर कुल 2,075.87 करोड़ रुपये के शेयरों का लेन-देन हुआ है. वहीं बजाज फाइनेंस के शेयर 0.46 फीसदी बढ़कर 1,;25.15 रुपये पर पहुंच गए.
बजाज हासिंग फाइनेंस के शेयरों की बात करें तो यह शेयर 6 महीने के दौरान 21 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है और जनवरी से लेकर अभी तक इसमें 23 फीसदी की गिरावट आई है. 1 साल में यह शेयर लगभग 30 फीसदी तक टूट चुका है.
कंपनी ने इक्विटी बेचने पर क्या बोली?
इक्विटी बेचने को लेकर बजाज फाइनेंस लिमिटेड ने कहा कि कंपनी के प्रमोटर और अन्य प्रमोटर्स ग्रुप की ओर से यह बताते हैं कि हम मिनिमम शेयर होल्डिंग्स आवश्यकताओं को पाने के उद्देश्य से बजाज फाइनेंस लिमिटेड द्वारा कंपनी के इक्विटी शेयरों की बिक्री की जा रही तारीखों पर खुले बाजार में कोई शेयर नहीं खरीदेंगे.
बजाज हाउसिंग ने सितंबर तिमाही में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद सभी उत्पादों में मजबूत एयूएम और वितरण वृद्धि के साथ मजबूत प्रदर्शन किया है. एमओएफएसएल ने बताया कि ब्याज दरों में गिरावट के बावजूद, एनबीएफसी अपने मार्जिन को बनाए रखने में सफल रही और साथ ही अपनी गुणवत्ता बनाए रखी है.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)