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15 करोड़ की किताब! ऐसा क्या है इसमें, पटना बुक फेयर में 3 कॉपीज

पटना पुस्तक मेले में इस बार लोगों की सबसे ज्यादा नजरें एक ऐसी किताब पर टिकी रहीं, जिसकी कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है. 'मैं' नाम की यह पुस्तक अपने दाम से ज्यादा अपने रहस्यमयी दावों को लेकर चर्चा में है. लेखक रत्नेश्वर का दावा है कि 408 पन्नों वाली यह किताब उन्होंने ब्रह्ममुहूर्त में सिर्फ 3 घंटे 24 मिनट में लिखी और इसके दौरान उन्हें 'ब्रह्मलोक यात्रा' का अनुभव हुआ.

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लेखक का दावा है कि उन्होंने किताब 3 घंटे 24 मिनट में लिखी है. (Photo- ITG)
लेखक का दावा है कि उन्होंने किताब 3 घंटे 24 मिनट में लिखी है. (Photo- ITG)

पटना पुस्तक मेले में इस बार एक ऐसी किताब ने सबका ध्यान खींचा, जिसकी कीमत ने लोगों को हैरानी में डाल दिया. 'मैं' नाम की यह पुस्तक 15 करोड़ रुपये की कीमत के साथ रविवार को मेले का सबसे चर्चित आकर्षण बनी रही. दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे महंगी किताब है, जबकि इसकी लेखन प्रक्रिया ने भी लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी है.

लेखक रत्नेश्वर का कहना है कि 408 पन्नों की इस पुस्तक को उन्होंने ब्रह्ममुहूर्त में मात्र 3 घंटे 24 मिनट में लिखा. उनके अनुसार, 6–7 सितंबर 2006 की रात लिखते समय उन्हें "ब्रह्मलोक यात्रा" और आध्यात्मिक जागरण का अनुभव हुआ, जिसे उन्होंने शब्दों में पिरो दिया. पुस्तक में कुल 43 अध्याय हैं और यह मनुष्य की 'मानने से जानने' की यात्रा पर केंद्रित होने का दावा करती है.

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पुस्तक के अनावरण के दौरान लेखक ने इसे शोकेस जरूर किया, लेकिन किसी को भी इसके पन्ने पलटने नहीं दिए. इसे लेकर दर्शकों और साहित्यप्रेमियों के बीच कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं. लोग जानना चाहते थे कि आखिर 15 करोड़ रुपये की कीमत वाली इस किताब में ऐसा क्या लिखा है जो इसे इतना अनोखा बनाता है, लेकिन लेखक ने इसे देखने की अनुमति नहीं दी.

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किताब के लेखक रत्नेश्वर का कहना है कि यह पुस्तक उनके आध्यात्मिक अनुभव, ध्यान की अवस्था और रासलीला के कथित प्रत्यक्ष साक्षात्कार पर आधारित है. उनका दावा है कि यह पुस्तक दुखों के अंत और ईश्वर-दर्शन के मार्ग को समझाती है.

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फिलहाल इस पुस्तक की केवल तीन प्रतियां तैयार की गई हैं, जो विश्वभर में उपलब्ध बताई जा रही हैं. लेखक का इरादा इसे सिर्फ 11 खास व्यक्तियों को सौंपने का है, जिनकी तलाश अभी जारी है.

पटना पुस्तक मेले में 15 करोड़ की इस अनोखी किताब ने जितनी उत्सुकता पैदा की है, उतने ही सवाल भी खड़े कर दिए हैं-क्या यह साहित्य का चमत्कार है या मार्केटिंग का कौशल? फिलहाल चर्चा गर्म है और किताब रहस्य बनी हुई है.

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