बिहर के दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) को लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद में अदालत से बड़ा झटका लगा है. दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विश्वविद्यालय के संगीत एवं नाट्य विभाग को खाली कराने का आदेश दिया है.
यह आदेश सात कठ्ठा जमीन से जुड़ा है, जिसे लेकर सालों से दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था. आदेश के बाद सदर SDM विकास कुमार भारी पुलिस बल के साथ विभाग को खाली कराने पहुंचे.
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छात्रों का विरोध, परिसर में तनाव
जैसे ही पुलिस और प्रशासनिक टीम के पहुंचने की खबर मिली, विभागाध्यक्ष और बड़ी संख्या में छात्र मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे. छात्रों का कहना था कि वर्तमान समय में विभाग में परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में भवन खाली कराने से छात्रों के भविष्य पर असर पड़ेगा. विरोध बढ़ता देख SDM ने दोनों पक्षों को शांत कराया.
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार दिव्या रानी हांसदा भी मौके पर पहुंचीं और बताया कि उन्हें पहले किसी तरह की लिखित सूचना नहीं मिली थी. उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर तक विभाग में परीक्षाएं चलेंगी, इसलिए परीक्षा खत्म होने के बाद ही विभाग खाली किया जा सकता है. रजिस्ट्रार ने SDM को लिखित आश्वासन दिया और समय मांगा.
26 दिसंबर तक की मोहलत, प्रशासन ने रोकी कार्रवाई
महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास के प्रतिनिधियों ने विरोध जताते हुए कहा कि इससे पहले भी कई बार अदालत ने जगह खाली कराने को कहा, लेकिन विश्वविद्यालय हर बार बहाना बनाता रहा. उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय छात्राओं को ढाल बनाकर मामले को टालने की कोशिश करता है.
सभी पक्षों की बात सुनने के बाद SDM विकास कुमार ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए 26 दिसंबर तक की मोहलत दी और आदेश दिया कि परीक्षा समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय खुद विभाग खाली करे. SDM ने यह भी बताया कि कोर्ट ने दस दिन पहले ही विश्वविद्यालय को नोटिस भेजा था.
तीन दशक पुराना विवाद, फैसला अब आया
जानकारी के मुताबिक, यह जमीन कभी दरभंगा महाराज के वंशजों ने विश्वविद्यालय को संगीत विभाग चलाने के लिए किराए पर दी थी. बाद में मालिकाना हक को लेकर विवाद गहरा गया और मामला अदालत पहुंच गया. लगभग तीन दशक बाद अब अदालत ने महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास के पक्ष में फैसला सुनाया है.
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार दिव्या रानी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 26 दिसंबर तक का समय मांगा है और परीक्षा खत्म होते ही विभाग खाली कर दिया जाएग. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय और महाराज के परिवार के बीच कई संपत्तियों को लेकर समाधान भविष्य में निकाले जाएंगे.