इजरायल पर अचानक हुए हमास के हमले ने क्यों दिला दी 1973 की याद, क्या थी योम किप्पुर जंग?

इजरायल में शनिवार को जब यहूदी धर्म के लोग छुट्टी मनाने की योजना बना रहे थे, उसी समय फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की ओर हजारों रॉकेट दागे. हमास के अचानक हमले ने 50 साल पहले हुए योम किप्पुर जंग की याद दिला दी.

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हमास ने इजरायल में दागे हजारों रॉकेट (फोटो- रॉयटर्स) हमास ने इजरायल में दागे हजारों रॉकेट (फोटो- रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

इजरायल में फिलीस्तीन के आतंकी संगठन हमास के हमले में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में भी करीब 250 लोग मारे जा चुके हैं. इसके अलावा दोनों ओर से करीब 3500 लोग घायल हैं. शनिवार की सुबह इजरायल में हुए इस हमले ने 50 साल पहले हुए योम किप्पुर के युद्ध की यादें ताजा कर दीं, जो ठीक इसी तरह हुआ था. 

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शनिवार को जब इजरायल में यहूदी धर्म के लोग छुट्टी मनाने की योजना बना रहे थे, उसी समय फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की ओर हजारों रॉकेट दागे. इसके साथ ही हमास के लड़ाके इजरायल की सीमा में घुस गए. इस दौरान हमास ने इजरायल के कई नागरिकों और सैनिकों को बंधक बनाने का भी दावा किया है. 

हमास ने शुरू किया ऑपरेशन 'अल-अक्सा फ्लड' 

बता दें कि हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को अचानक हमला शुरू किया. महज 20 मिनट में ही 5 हजार रॉकेट दागे गए. इसके अलावा हमास ने  दक्षिणी इजराइल में घुसपैठ भी की. उसने अपने इस हमले को 'अल-अक्सा फ्लड ऑपरेशन' नाम दिया है. हमास के हमले के बाद इजरायल ने 'युद्ध' की घोषणा कर दी. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा करते हुए कहा कि उनका देश अपने दुश्मन से "अभूतपूर्व कीमत" वसूलेगा. इजरायल ने अपने दुश्मन के खिलाफ 'ऑपरेशन आयरन स्वार्ड्स' लॉन्च किया है. हमास के हमले ने इजरायल के लोगों को आज से 50 साल पहले हुए योम किप्पुर युद्ध की याद दिला दी. 

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योम किप्पुर युद्ध क्या था? 

1973 में इजरायल पर हुए हमले का नेतृत्व मिस्र और सीरियाई सेनाओं ने किया था. मिडिल-ईस्ट में छिड़े इस युद्ध में मिस्र के सैनिकों ने सिनाई प्रायद्वीप में घुसपैठ की और सीरियाई सैनिक गोलान हाइट्स में घुस गए. यह युद्ध यहूदी धर्म के सबसे पवित्र दिन पर हुआ था. इस युद्ध में अरब सेनाएं 1967 में तीसरे अरब-इजरायल युद्ध के दौरान गंवाए हुए क्षेत्र को वापस हासिल करने की उम्मीद कर रही थीं. जब इन सेनाओं ने युद्धविराम सीमाओं को पार कर लिया, उसके बाद ये युद्ध शुरू हुआ.   

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युद्ध के बाद क्या हुआ? 

योम किप्पुर युद्ध ने शांति समझौते के भविष्य के प्रयासों के लिए मंच तैयार किया, लेकिन इसमें शामिल सभी देशों के लिए यह महंगा साबित हुआ. इस युद्ध के बाद इजरायल ने पहले से ज्यादा क्षेत्र हासिल कर लिया, लेकिन इसके बाद भी पहले से तैयारी की कमी की वजह से उसकी आलोचना की गई.  

अमेरिकन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर बोअज़ एटज़िली ने इस युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर एक यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन में लिखा, "मिस्र और इजरायल दोनों के लिए युद्ध से मुख्य सबक यह है कि उनके बीच एक और युद्ध खजाने और खून दोनों के लिए बहुत महंगा है और इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए."  

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अत्ज़िली के मुताबिक, इसके परिणामस्वरूप सिनाई क्षेत्र को मिस्र को वापस करने के लिए इजरायल का अंतिम समझौता हुआ. उन्होंने कहा कि इसके बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर ने एक राजनयिक मिशन शुरू किया जिसके कारण इजरायल-मिस्र शांति समझौता हुआ.  

योम किप्पुर युद्ध कितने समय तक चला? 

मिस्र और सीरियाई सेना ने 6 अक्टूबर, 1973 को इजरायल पर हमला किया था. इजरायली सेना पर हुआ यह हमला 25 अक्टूबर, 1973 तक चला. 26 अक्टूबर तक लड़ाई ज्यादातर खत्म हो गई थी.  

योम किप्पुर क्या है? 

योम किप्पुर यानी प्रायश्चित का दिन. यहूदी धर्म में वर्ष का सबसे पवित्र दिन है. एक दिन के इस त्योहार में यहूदी बीते एक साल के पापों या गलत कार्यों पर विचार करते हैं. इस दिन ये लोग चाबड़हाउस में प्रार्थना करते हैं और विशेष गीत गाते हैं. 

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