यमन (Yemen) में एक नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई केरल की नर्स निमिषा प्रिया को कथित तौर पर 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी. यह बात मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने कही है, जो यमन में सरकारी अधिकारियों और पीड़ित के परिवार और सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल की वार्ता टीम के साथ बातचीत में शामिल हैं.
सैमुअल के मुताबिक, फांसी का लेटर जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी भी उम्मीद है कि अगर पीड़ित तलाल अब्दो मेहदी का परिवार दोषी को माफ कर दे. सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि यमन में अभियोजन महानिदेशक ने जेलर को फांसी के बारे में जानकारी दे दी है.
'अगर परिवार माफ कर दे...'
सैमुअल ने कहा, "निमिषा को ऑफिशियली इसके बारे में जानकारी दे दी गई है.अगर परिवार माफ़ कर देता है, तो पैसे का भुगतान किया जाएगा. बातचीत चल रही थी, लेकिन उन्होंने अभी तक माफ़ी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है." मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने कहा कि अब सभी कानूनी संभावनाएं बंद हो गई हैं और सिर्फ एक उम्मीद परिवार के माफ़ करने पर है.
निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल वार्ता दल के सदस्य बाबू जॉन ने बताया कि विक्टिम के परिवार को उनकी तरफ से दस लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता की पेशकश की गई है. सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल दल ने बताया कि निमिषा की मां प्रेमा कुमारी अपनी बेटी को बचाने की कोशिश के तहत 2024 में यमन पहुंच गई थीं और वहीं रह रही हैं.
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निमिषा को मौत की सज़ा क्यों सुनाई गई?
निमिषा 2008 में यमन गई थीं और 2015 में अपना खुद का क्लिनिक खोलने से पहले कई अस्पतालों में काम किया, जिसमें तलाल अब्दो मेहदी उसका स्थानीय पार्टनर था. निमिषा परिवार के मुताबिक, विवाद तब शुरू हुआ जब उसने निमिषा पर धन के गबन का आरोप लगाया. कथित तौर पर मेहदी के पास मौजूद अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसने उसे बेहोश करने के लिए बेहोश करने वाली दवा का इंजेक्शन लगाया. हालांकि, कथित तौर पर ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई. निमिषा को यमन से भागने की कोशिश करते वक्त गिरफ्तार किया गया था.
पिछले साल 30 दिसंबर को, यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा प्रिया के खिलाफ मौत की सज़ा को मंजूरी दी, जो 2017 से जेल में है.
शिबिमोल / गीता मोहन