रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम भारत आ चुके हैं. यहां अपने करीब 30 घंटे के इस दौरे में पुतिन कई अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात करेंगे. इससे पहले ‘आजतक’ ने रूसी राष्ट्रपति के साथ मॉस्को के क्रेमलिन में एक्सक्लूसिव बातचीत की. ‘आजतक’ की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन को दिए वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पुतिन ने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.
इंटरव्यू के दौरान पुतिन से पूछा गया कि हाल ही में दुनिया भर में GenZ के बड़े पैमाने पर प्रोटेस्ट देखे गए हैं. ऐसे में वे युवा पीढ़ी से कैसे कनेक्ट करते हैं? इस सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा कि यहां ये सब नया नहीं है. साहित्य और कला में हमेशा विरोधाभासों की बात होती रही है. पुरानी और नई पीढ़ी के बीच, पिता और बेटों के बीच. हमारी पुरानी रचनाओं में भी ये बातें और ये चित्र हमेशा से मौजूद रहे हैं. सभी को ये जानने की जरूरत है कि यहां कुछ भी नया नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, "आप जानते हैं नया क्या है? नई है टेक्नोलॉजी. मैसेंजर, टेलीग्राम वगैरह, जिनका इस्तेमाल सक्रिय रूप से आज भी युवा पीढ़ी पर असर डालने के लिए किया जा रहा है. ये पीढ़ी कमोबेश वही युवा लोग हैं जो मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और ज़्यादा कट्टर हैं. युवा पीढ़ी सोचती है कि सिर्फ वो ही अन्याय का सामना कर रही है और उनसे पहले किसी ने ये सब देखा ही नहीं. युवा ये सब देखते हैं और अपने आसपास के सभी लोगों को बताते हैं."
पुतिन ने आगे कहा कि युवाओं को लगता है कि इससे निपटना बहुत आसान है. इसे आसानी से सुलझाया जा सकता है लेकिन जब व्यक्ति ज़्यादा समझदार हो जाता है और खुद कुछ बदलने की कोशिश करता है तो उसे पता लगता है कि जिसका हल ढूंढना वो आसान समझ रहे थे, वो उतना आसान है नहीं, जितना पहली नजर में लगता है. इसलिए, हमें लोगों के साथ उस वक्त काम करने की जरूरत है, जब हम कह सकें कि अभी आप बस युवा हैं, आप कुछ नहीं समझते, आप बस अपने घरों में बैठे हैं. यह ऐसे ही हो सकता है.
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि आपको हमेशा युवाओं के टच में रहने और उनके टूल्स, उन तक जानकारी पहुंचाने के तरीकों, सोशल नेटवर्क वगैरह में फीडबैक का इस्तेमाल करने की जरूरत है. आपको वहां काम करने की जरूरत है.
अंजना ओम कश्यप / गीता मोहन