ट्रंप ने 24 घंटे के भीतर पलटा एलन मस्क का ये फैसला, एक्सपर्ट ने बताया था राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़

आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डेरिल किमबॉल ने कहा कि DOGE के लोग इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं रखते कि ये विभाग किस काम के लिए जिम्मेदार है. ऐसा लगता है कि उन्हें यह एहसास ही नहीं है कि ये वास्तव में ऊर्जा विभाग से ज़्यादा परमाणु हथियारों का विभाग है.

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DOGE के फैसले पर उठे सवाल DOGE के फैसले पर उठे सवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

अमेरिका में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप लगातार चौंकाने वाले फैसले ले रहे हैं. इसी कड़ी में ट्रंप प्रशासन ने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर काम कर रहे 350 से ज्यादा कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया था. लेकिन इस फैसले के 24 घंटे के भीतर ही उनकी नौकरी बहाल कर दी गई. इन कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद ट्रंप प्रशासन की काफी आलोचना हो रही थी और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला फैसला माना जा रहा था.  

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एलन मस्क ने कराई छंटनी

सबसे दिलचस्प बात यह रही कि नौकरी से निकाले गए न्यूक्लियर वर्कर्स को पहले से इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी. इन कर्मचारियां का ई-मेल एक्सेस तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया. साथ ही कुछ तो ऐसे थे जो ऑफिस में दाखिल होने के लिए बाहर खड़े इंतजार करते रहे, क्योंकि उन्हें नौकरी से निकाले जाने के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी. एलन मस्क की अगुवाई वाले DOGE को इस फैसले के पीछे की वजह माना जा रहा है कि जो सरकारी खर्चों में कटौती के लिए बनाया गया एक अलग डिपार्टमेंट हैं.

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ट्रंप प्रशासन में मस्क एक-एक पाई का हिसाब-किताब कर रहे हैं. ट्रंप ने उन्हें Department of Government Efficiency यानी कि DOGE का चीफ बनाया है. इसी वजह से मस्क अमेरिकी करदाताओं के पैसे की बर्बादी रोकने के मससद से हर फैसले को आर्थिक पैमाने के तराजू पर तौल रहे हैं. न्यूक्लियर वर्कर्स की छंटनी भी इसी के तहत की गई थी. हालांकि अब ट्रंप ने इस फैसले को पलट दिया है.

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एक्सपर्ट ने फैसले पर उठाए सवाल

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA) के 350 से ज्यादा कर्मचारियों ने गुरुवार रात को अपनी नौकरी खो दी. निकाले गए कर्मचारियों में से करीब 30 फीसदी पेंटेक्स प्लांट से थे. इनमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं जो हथियारों को रिअसेंबल करने का काम करते हैं, जो न्यूक्लियर वैपन इंटस्ट्री में सबसे संवेदनशील कामों में से एक है और इसकी मंजूरी टॉप लेवल से मिलती है.

आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डेरिल किमबॉल ने कहा कि DOGE के लोग इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं रखते कि ये विभाग किस काम के लिए जिम्मेदार हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें यह एहसास ही नहीं है कि ये वास्तव में ऊर्जा विभाग से ज़्यादा परमाणु हथियारों का विभाग है. बताते चलें कि यह छंटनी डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी (DOE) के कर्मचारियों को निकालने के उस कैंपेन का हिस्सा है जिसके तहत दो हजार से ज्यादा DOE कर्मचारियों को टारगेट किया गया है. 

वर्कर्स की 24 घंटे में हुई बहाली

एनएनएसए की कार्यवाहक निदेशक टेरेसा रॉबिंस ने शुक्रवार की रात एक नोटिस जारी कर 28 न्यूक्लियर वर्कर्स को छोड़कर सभी को नौकरी पर बहाल कर दिया. नोटिस में लिखा था कि ये एक ऑफिशियल जानकारी है कि 13 फरवरी, 2025 को आपको जारी किया गया नौकरी से निकाले जाने का नोटिस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया है. हालांकि कुछ कर्मचारियों से संपर्क नहीं किया जा सका और बाकी अनिश्चितता के कारण अपनी वापसी को लेकर फैसला नहीं ले पाए हैं.

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नौकरी से निकाले गए कई कर्मचारी के पास परमाणु हथियारों के रखरखाव, वेस्ट मैनेजमेंट और साइट सिक्योरिटी जैसी अहम जिम्मेदारी थीं. अमेरिकी सीनेटर पैटी मरे ने छंटनी की आलोचना करते हुए इसे बेहद कठोर और खतरनाक बताया है. वहीं कुछ विशेषज्ञों को डर है कि इस तरह की रुकावटें अमेरिकी परमाणु सुरक्षा को कमजोर कर सकती हैं और दुश्मनों को बढ़ावा दे सकती हैं.

परमाणु हथियार बनाने वाले कर्मचारी

DOE के आधिकारिक बयान में कहा गया था कि राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन के 50 से भी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. डीओई के बयान में कहा गया है कि वे कर्मचारी मुख्य रूप से प्रशासनिक कामकाज संभालते थे. वहीं, मिरर यूएस की रिपोर्ट के अनुसार NNSA के ये कर्मचारी अमेरिकी परमाणु हथियारों की डिजाइनिंग और रखरखाव, हथियारों के उत्पादन और डिस्मेंटल, नौसेना को पनडुब्बियों के लिए परमाणु रिएक्टर मुहैया कराने और न्यूक्लियर इमरजेंसी जैसे हालात से निपटने में अहम भूमिका निभाते हैं.

ब्लूमबर्ग के मुताबिक NNSA ने संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा रहस्यों में शामिल होने के कारण इन कर्मचारियों को वापस बुलाया है. छंटनी को लेकर हुए विवाद के बाद ऊर्जा विभाग (DOE) के प्रवक्ता ने बताया कि करीब 50 कर्मचारियों को ही बर्खास्त किया गया है जो प्रशासनिक पदों पर थे.

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