'काश' चूक गए मौका... डोनाल्ड ट्रंप ने इन्हें बनाया CIA डायरेक्टर!

डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी जॉन रैटक्लिफ ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में काम किया.

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जॉन रैटक्लिफ (तस्वीर: रॉयटर्स) जॉन रैटक्लिफ (तस्वीर: रॉयटर्स)

रोहित शर्मा

  • वाशिंगटन,
  • 13 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

अमेरिका (USA) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने नेशनल इंटेलिजेंस के पूर्व निदेशक जॉन रैटक्लिफ को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक के रूप में चुना है. पहले, यह अनुमान लगाया जा रहा था कि भारतीय मूल के पूर्व रिपब्लिकन हाउस स्टाफर कश्यप 'काश' पटेल को CIA प्रमुख के रूप में चुना जाएगा. हालांकि, अब ट्रंप ने रैटक्लिफ को CIA का प्रमुख घोषित कर दिया है.

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रैटक्लिफ, ट्रंप के करीबी सहयोगी हैं, जिन्होंने 2020 में अपने पहले कार्यकाल के अंत में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में काम किया था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के पद छोड़ने से आठ महीने पहले मई 2020 में रैटक्लिफ को देश का टॉ जासूस नियुक्त किया गया था.

रैटक्लिफ के बारे में ट्रंप ने क्या कहा?

हाउस ऑफ रीप्रजेंटेटिव के पूर्व सदस्य और टेक्सास के लिए अमेरिकी अटॉर्नी, रैटक्लिफ को अपनी पुष्टि के दौरान सीनेट डेमोक्रेट से कोई समर्थन नहीं मिला. ट्रंप ने एक बयान में कहा, "क्लिंटन कैंपेन के फर्जी रूसी मिलीभगत को उजागर करने से लेकर FISA कोर्ट में FBI द्वारा नागरिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग को पकड़ने तक, जॉन रैटक्लिफ हमेशा अमेरिकी जनता के साथ सच्चाई और ईमानदारी के योद्धा रहे हैं. जब 51 खुफिया अधिकारी हंटर बाइडेन के लैपटॉप के बारे में झूठ बोल रहे थे, तो उनमें से एक जॉन रैटक्लिफ अमेरिकी लोगों को सच्चाई बता रहे थे."

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उन्होंने आगे कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि जॉन हमारे देश के दोनों सबसे बड़े खुफिया पदों पर सर्विस करने वाले पहले शख्स होंगे. वह सभी अमेरिकी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए एक निडर योद्धा होंगे, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के उच्चतम स्तर और शक्ति के जरिए शांति सुनिश्चित करेंगे." ट्रंप ने कहा कि 2020 में खुफिया और नेशनल सेक्योरिटी की फील्ड में विशिष्ट उपलब्धि के लिए रैटक्लिफ को नेशनल सेक्योरिटी मेडल मिलना "बहुत बड़ा सम्मान" था.

राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में, रैटक्लिफ पर डेमोक्रेट और पूर्व खुफिया अधिकारियों ने ट्रंप और उनके रिपब्लिकन सहयोगियों द्वारा राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने के लिए खुफिया जानकारी को सार्वजनिक करने का आरोप लगाया था, जिसमें राष्ट्रपति पद के लिए ट्रम्प के तत्कालीन प्रतिद्वंद्वी जो बाईडेन भी शामिल थे. रैटक्लिफ के कार्यालय ने इस आरोप का खंडन किया है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रैटक्लिफ ने टेक्सास में संघीय अभियोजक के रूप में अपने आतंकवाद-रोधी अनुभव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया. 

यह भी पढ़ें: ट्रंप के लिए मस्क हैं तो मुमकिन है! क्यों है टेस्ला CEO से अमेरिकी राजनीति को चमत्कार की उम्मीद

कौन हैं काश पटेल?

राष्ट्रपति के रूप में काश पटेल ने डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान रक्षा और खुफिया समुदायों में विभिन्न हाई-रैंकिंग स्टाफ भूमिकाओं में काम किया है. उन्होंने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया. 

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उन्होंने "Nunes Memo" का ड्राफ्ट तैयार करने में अहम रोल अदा किया, जो एक चार-पेज की रिपोर्ट थी. इस रिपोर्ट में ट्रंप के एक पूर्व कैंपेन वॉलंटियर के लिए निगरानी वारंट प्राप्त करने में जस्टिस डिपार्टमेंट के तरीकों की आलोचना की गई थी, जिसने ट्रंप को प्रभावित किया.

Nunes Memo पर काश पटेल के काम की वजह से ट्रंप प्रशासन के अंदर अहम भूमिकाओं पर नियुक्ति हुई. फरवरी 2019 में, वह एक कर्मचारी के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में शामिल हुए और बाद में आतंकवाद निरोधक निदेशालय के सीनियर डायरेक्टर बने.

फरवरी 2020 में, पटेल एक्टिंग डायरेक्टर रिचर्ड ग्रेनेल के प्रिंसिपल डिप्टी के रूप में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ODNI) के कार्यालय में चले गए. बाद में वे कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के चीफ ऑफ स्टाफ बन गए.

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