संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए उस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान होगा, जो रूस की आक्रामकता, आक्रमण और यूक्रेन की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है. हालांकि मॉस्को इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर सकता है. मसौदा प्रस्ताव के दो दिन बाद यूक्रेन की स्थिति पर एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई जाएगी.
बिना शर्त रूस को बुलानी होगी सेना
अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वॉशिंगटन प्रस्ताव को पूरी उम्मीद के साथ पेश कर रहा है लेकिन रूस अपने वीटो का इस्तेमाल कर इसका विरोध भी करेगा. अधिकारी ने कहा कि यह प्रस्ताव यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और अखंडता की वकालत करता है. इसके लिए रूस को अपनी सेना को पूरी तरह और बिना शर्त तुरंत वापस लेने की आवश्यकता है.
'रूस के खिलाफ एक हो रहे देश'
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि UNSC का प्रस्ताव सिर्फ पहला कदम है जो संयुक्त राष्ट्र महासभा में आने वाले दिनों में कार्रवाई के लिए एक अग्रदूत की तरह होगा. मालूम हो कि बुधवार को कई देश यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा करने के लिए एक मंच आएंगे. अधिकारी ने कहा, "यूक्रेन पर हमलों को हम सुरक्षा राष्ट्र महासभा और दुनिया भर से सदस्य देशों की लामबंदी को बेहद अहम मानते हैं."
अभी प्रस्ताव में होंगे काफी बदलाव: भारत
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने नई दिल्ली में कहा कि भारत ने UNSC के प्रस्ताव का मसौदा देखा है, लेकिन इसमें अभी इसमें काफी बदलाव होंगे. इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने से पहले भारत प्रस्ताव का अंतिम रूप पता चलने तक इंतजार करेगा.
मोदी ने भी हिंसा रोकने को कहा
एजेंसी के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गुरुवार को एक टेलीफोन पर बातचीत के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने की अपील की थी. साथ ही इस मुद्दे पर सभी पक्षों से राजनयिक वार्ता के जरिए कोई हल निकालने की बात कही थी.
लेकिन यह है रोड़ा
UNSC में पांच स्थायी सदस्य हैं. इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन शामिल हैं. केवल इन्हीं पांच देशों को वीटो पावर मिला हुआ है. सुरक्षा परिषद बिना इन पांचों देशों की रजामंदी के कोई भी प्रस्ताव पारित या लागू नहीं कर सकती है. 5 में से कोई एक सदस्य भी इसका वीटो करता है तो प्रस्ताव खारिज हो जाएगा. वैसे UNSC में हर दो साल के लिए 10 अस्थायी सदस्य भी चुने जाते हैं. अभी भारत, ब्राजील, अल्बानिया, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे, यूएई इसके अस्थायी सदस्य हैं.
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