रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 41 बीत चुके हैं. दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत होने के बाद भी जंग थमने की जगह बर्बर होती जा रही है. यूक्रेन के बूचा शहर की तस्वीरों ने पूरी दुनिया में हंगामा मचा दिया है. बूचा में 400 के करीब लाशें मिलने से रूसी सैनिकों पर युद्ध अपराध के आरोप लग रहे हैं. यूक्रेन ने इसे 'नरसंहार' करार दिया है. संकटग्रस्त देश के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार शाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में बूचा के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया.
बूचा और यूक्रेन के अन्य शहरों में रूसी सैनिकों की बर्बरता को लेकर जेलेंस्की ने यूएनएससी में कहा कि रूस की सेना और उसे आदेश देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें यूक्रेन में शांति के लिए सुरक्षा परिषद के फैसलों की जरूरत है. जेलेंस्की ने मांग की है कि रूस को सुरक्षा परिषद से बाहर किया जाए या फिर यूएनएससी को ही भंग कर दिया जाना चाहिए. जेलेंस्की ने इसके लिए एक वैश्विक सम्मेलन बुलाने का भी प्रस्ताव रखा.
यूएनएससी से ऑनलाइन जुड़े यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आगे कहा, रूसी बलों ने कीव के समर्थन में खड़े लोगों को बेरहमी से चुन-चुनकर मार डाला. इन हत्याओं की जवाबदेही अब अनिवार्य रूप से तय होनी चाहिए.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस की बर्बरता का एक उदाहरण देते हुए बताया, रूसी हमलावरों ने कुछ यूक्रेनियाई लोगों की अपनी जीभ केवल इसलिए निकाल ली, क्योंकि हमलावर ने वह नहीं सुना जो वे उनसे सुनना चाहते थे."
जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के भाषण में रूस के अत्याचारों को एक-एक कर गिनाया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लोगों को रूसियों ने टैंकों से कुचल दिया. महिलाओं का उनके बच्चों के सामने बलात्कार किया और उन्हें मार डाला गया. बूचा में रूसी सेना ने जो किया वह हद दर्जे की क्रूरता है. रूसियों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सचमुच उल्लंघन किया गया है.
जेलेंस्की ने रूसी सेना के इन अत्याचारों को लेकर कहा कि दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से यह सबसे भीषण और बर्बर अत्याचार है. उन्होंने रूसी सैनिकों की तुलना ISIS जैसे आतंकवादियों से की.
यूक्रेनी नेता ने वीडियो के जरिए कीव के बाहरी इलाके में रूसी सेना द्वारा किए गए नागरिक नरसंहारों के भयानक सबूत दिखाए और रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों और युद्ध अपराध के मुकदमों की मांग की है.
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