तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन को लेकर विरोध-प्रदर्शन किए गए हैं. ये प्रदर्शन भारत के वाणिज्य दूतावास के पास किया गया. इन प्रदर्शनों का आयोजन तुर्की के अधिकार समूहों फ्री थॉट एंड एजुकेशनल राइट्स सोसाइटी (Ozgurder) और एसोसिएशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड सॉलिडेरिटी फॉर द ऑप्रस्ड ने किया.
प्रदर्शन में भारत में हिजाब बैन को लेकर नारे लगाए गए. तुर्की के सरकारी ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को आयोजित इस विरोध-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए Ozgurder के अध्यक्ष रिदवान काया ने कहा कि हिजाब पर बैन भारत में उभरते हुए राष्ट्रवाद और मुस्लिमों के खिलाफ बढ़ती नफरत का नतीजा है जो हाल के वर्षों में तेज हुआ है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के 20 करोड़ मुसलमानों का 'दमन' समाप्त होना चाहिए.
'हिजाब पर बैन स्वीकार्य नहीं'
तुर्की के मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील गुल्डेन सोनमेज ने कहा कि भारत में हिजाब का बैन किया जाना स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम किसी भी धर्म के लोगों के कपड़ों पर प्रतिबंध को मंजूरी नहीं देते हैं.'
भारत में हिजाब को लेकर विरोध तब शुरू हुआ जब पिछले महीने कर्नाटक के उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में कुछ मुस्लिम छात्राओं को क्लास अटेंड करने से रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने हिजाब पहन रखा था.
इसके बाद ये मामला धीरे-धीरे कर्नाटक के कई शिक्षण संस्थानों में फैल गया और हिजाब पहनकर आने वाली मुस्लिम लड़कियों को उनके स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश से रोका गया. हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं के खिलाफ भगवा शॉल ओढ़े छात्रों के प्रदर्शन से मामले ने और तूल पकड़ा.
फिलहाल ये मामला कर्नाटक के हाई कोर्ट में है. मामले पर सुनवाई पूरी होने तक कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनकर शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर रोक लगा दी है.
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