हमास द्वारा इजरायल के शहर पर रॉकेट दागने के बाद से इजरायल और हमास के बीच खूनी जंग जारी है. इजरायली सेना गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर लगातार बम बरसा रही है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑपरेशन 'आयरन स्वार्डस' लॉन्च करते हुए कहा है कि वो हमास का नामोनिशान मिटा देंगे.
इसी बीच तुर्की ने इजरायल को कड़ी नसीहत दी है. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने बुधवार को कहा है कि इजरायल गाजा पट्टी में खुद को एक देश की तरह पेश नहीं कर रहा है. इजरायली सेना द्वारा गाजा पट्टी में बरसाए जा रहे बम की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इजरायल को यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर वह एक देश की बजाय एक संगठन की तरह काम करेगा, तो वह खुद ही खत्म हो जाएगा.
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन अक्सर संगठन शब्द का इस्तेमाल कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के लिए करते रहे हैं. कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) को तुर्की ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.
एर्दोगन ने आगे कहा, "हमें लगता है कि युद्ध के भी कुछ मूल्य होने चाहिए और उनका पालन दोनों पक्षों को करना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से, इजरायल और गाजा में इन सिद्धातों का गंभीर रूप से उल्लंघन हो रहा है. एर्दोगन ने इजरायली क्षेत्र में आम नागरिकों की हत्या और गाजा में निर्दोष लोगों के नरसंहार की भी कड़ी निंदा की.
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टू स्टेट रिजोल्यूशन ही एकमात्र तरीकाः एर्दोगन
एर्दोगन ने इससे पहले रविवार को कहा था कि तुर्की, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रही लड़ाई को रोकने के लिए राजनयिक प्रयासों को लेकर प्रतिबद्ध है. एर्दोगन ने इस बात को दोहराया था कि क्षेत्रीय शांति हासिल करने के लिए टू स्टेट रिजोल्यूशन ही एकमात्र तरीका है.
एर्दोगन ने कहा था कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष मध्य-पूर्व की सभी समस्याओं की जड़ है.जब तक इस समस्या का न्यायपूर्ण तरीके समाधान नहीं होता, हमारा क्षेत्र शांति हासिल करने से दूर ही रहेगा.
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ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर के साथ राजधानी अंकारा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एर्दोगन ने कहा, 'मैं क्षेत्र के नेताओं से बात कर रहा हूं और देख रहा हूं कि कैसे हम इस जंग में मध्यस्थता कर सकते हैं और इसे रोक सकते हैं. सच कहूं तो मुझे इस बात को लेकर बहुत चिंता हो रही है कि यह युद्ध एक या दो हफ्तों में नहीं रुकने वाला. इसलिए हम शांति के अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं.'
मंगलवार को भी एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर एक बार फिर दोहाराया था कि तुर्की इजरायल और फिलिस्तीन के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार है.
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तुर्की फिलिस्तीनियों का बड़ा समर्थक रहा है. पूर्व में तुर्की ने हमास के नेताओं की मेजबानी भी की थी लेकिन अब तुर्की के इस रुख में बदलाव आ रहा है. सालों की दुश्मनी को भुलाकर अब तुर्की इजरायल के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है. एर्दोगन ने कहा था कि ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए अक्टूबर या नवंबर के महीने में इजरायली पीएम नेतन्याहू तुर्की के दौरे पर भी आएंगे.
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