तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) ने तुर्की सरकार के खिलाफ 40 सालों की लड़ाई के बाद घोषणा की है कि समूह हथियार डाल रहा है और खुद को भंग कर रहा है. पीकेके ने कुर्दों के लिए अलग स्वायत्त क्षेत्र की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रखा था जिस पर अब विराम लग सकता है.
पीकेके के हथियार डालने की जानकारी सोमवार को फिरात न्यूज एजेंसी ने दी जो कि सशस्त्र समूह का नजदीकी मीडिया आउटलेट माना जाता है. पीकेके ने खुद को भंग करने का फैसला अपने नेता अब्दुल्ला ओकलान के आह्वान पर किया है. ओकलान पर देशद्रोह और अलगाववाद फैलाने के आरोप लगे हैं और वो जेल में बंद हैं. फरवरी में उन्होंने पीकेके से हथियार डालने और समूह को भंग करने का आह्वान किया था.
तुर्की की कुल आबादी में कुर्द आबादी 20 फीसद है और पीकेके के विद्रोह का मकसद शुरू में कुर्दों के लिए एक स्वतंत्र देश की मांग करना था. लेकिन बाद में समूह अलगाववादी लक्ष्यों से दूर होता गया और इसके बजाए कुर्दों के लिए एक स्वायत्तता क्षेत्र की मांग करने लगा. तुर्की सरकार और पीकेके की लड़ाई में अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे गए हैं जिसमें अधिकतर पीकेके लड़ाके हैं.
पीकेके को तुर्की सहित यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका ने आतंकवादी समूह के रूप में बैन कर रखा है. हथियार डालने की घोषणा के साथ ही पीकेके ने कहा कि समूह ने 'अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा कर लिया है और वो सशस्त्र संघर्ष की पद्धति को समाप्त कर देगा. अब से कुर्द मुद्दे को लोकतांत्रिक राजनीति के जरिए हल किया जा सकता है.'
1999 से जेल में बंद हैं कुर्द नेता ओकलान
इसी साल फरवरी में 76 साल के कुर्द नेता ओकलान ने पीकेके समूह से हथियार डालने और खुद को भंग करने का आह्वान किया था. पीकेके नेता 1999 से इस्तांबुल के दक्षिण-पश्चिम में मरमारा सागर के एक द्वीप पर जेल में एकांत कारावास में हैं.
ओकलान ने फरवरी में जेल से एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि 'राजनीतिक व्यवस्था को हासिल करने और उसे लागू करने में लोकतंत्र के अलावा कोई विकल्प नहीं है. लोकतांत्रिक सर्वसम्मति ही मूल रास्ता है.'
यह साफ नहीं है कि ओकालान और उनके समर्थकों को समूह भंग करने के बदले में क्या मिलेगा, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि उन्हें पैरोल पर रिहा किया जा सकता है.
हाल के सालों में पीकेके को तुर्की सेना ने भारी नुकसान पहुंचाया गया है. कुर्दों के लिए अब इराक और सीरिया में काम करना भी मुश्किल हो गया है. अगर राष्ट्रपति एर्दोगन को 2028 में होने वाले तुर्की के अगले राष्ट्रपति चुनाव में फिर से भाग लेना है तो उन्हें कुर्द समर्थक राजनीतिक दलों के समर्थन की जरूरत होगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन की एके पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि पीकेके को भंग करने का फैसला 'आतंकवाद मुक्त तुर्की' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इस प्रक्रिया की निगरानी देश की संस्थाएं करेंगी.
अंतरराष्ट्रीय मामलों पर काम करने वाले थिंक टैंक चैथम हाउस के विन्थ्रोप रॉजर्स ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि कुर्द राजनीतिक दलों की मांगों को पूरा करने के लिए 'तुर्की को एक बड़े लोकतांत्रिक बदलाव की जरूरत होगी.'
रॉजर्स ने कहा कि हाल के महीनों में तुर्की के कुछ नेताओं ने पीकेके के प्रति सद्भवाना दिखाई है जिसके कारण समूह का विघटन संभव हो सका है.
क्या है पीकेके का इतिहास?
पीकेके एक उग्रवादी समूह है जिसकी स्थापना 1978 में अब्दुल्ला ओकलान ने दक्षिण-पूर्वी तुर्की में की थी. समूह की विचारधारा मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारों पर आधारित है. पीकेके ने 1984 में तुर्की के खिलाफ अपना विद्रोह शुरू किया था जिसका उद्देश्य एक स्वतंत्र कुर्दिस्तान बनाना था. लेकिन बाद में चलकर समूह ने अपने अलग देश की मांग को छोड़ दिया और दक्षिण-पूर्व तुर्की में कुर्दों के लिए स्वायत्त क्षेत्र की मांग शुरू की.
पीकेके ने 1998 तक सीरिया से ऑपरेट किया था लेकिन तुर्की के बढ़ते दबाव के बीच समूह के नेता ओकलान को सीरिया से भागना पड़ा था. इसके कुछ ही महीने बाद तुर्की के स्पेशल फोर्सेज ने ओकलान को केन्या में पकड़ लिया. 1999 में तुर्की की एक अदालत ने ओलकान को मौत की सजा सुनाई. लेकिन अक्टूबर 2002 में ओकलान के मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया.
ओकलान की कैद के बाद भी पीकेके का विद्रोह जारी रहा. दशकों तक चली हिंसा के बाद साल 2012 में तुर्की सरकार और पीकेके बातचीत की टेबल पर आए लेकिन जुलाई 2015 में बातचीत रुक गई और तुर्की में फिर से कुर्दों की हिंसा शुरू हुई. लेकिन धीरे-धीरे लड़ाई कमजोर पड़ी.
अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति एर्दोगन के राजनीतिक सहयोगी डेवलेट बहशेली ने कहा था कि अगर पीकेके अपना आंदोलन खत्म कर खुद को भंग कर लेता है तो ओकलान को आजाद कर दिया जाएगा. उनके इस बयान के कुछ महीनों बाद ही पीकेके ने खुद को भंग करने की घोषणा कर दी है.
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