अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब किसके दोस्त बन जाएं, कब किसी देश से दुश्मनी मोल ले लें, कहा नहीं जा सकता. इसका एक ताजा उदाहरण सामने आया है जिसमें उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा, जिसे वो कुछ समय पहले तक तबाह करने की धमकी दे रहे थे, उन्हें अब गले से लगा रहे हैं. ट्रंप ने ब्राजील के राष्ट्रपति की तारीफ करते हुए खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर लूला से कुछ पलों की मुलाकात की.
मुलाकात के बाद से ट्रंप का मन बदल गया है और अब वो ब्राजील के राष्ट्रपति से मिलने को भी राजी हो गए हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने कहा कि उन्होंने लूला से अगले हफ्ते मुलाकात करने पर सहमति जताई है. ट्रंप ने न्यूयॉर्क में महासभा की बैठक के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति से अचानक ही मुलाकात की.
ट्रंप ने मंगलवार को वार्षिक बैठक में अपने संबोधन के दौरान कहा, 'मुझे आपको बताना होगा कि जब मैं अंदर जा रहा था और ब्राजील के नेता बाहर आ रहे थे, तब हमारी नजरें मिलीं. मैंने उन्हें देखा, उन्होंने मुझे देखा और हम गले मिले.'
ट्रंप ने मुलाकात के बारे में आगे कहा, 'मुझे वो वास्तव में बहुत अच्छे इंसान लगे. उन्हें मैं पसंद आया और मुझे वो पसंद आए. कम से कम 39 सेकंड तक हमारे बीच बेहतरीन केमिस्ट्री रही. यह एक अच्छा संकेत है.'
हैरानी की बात यह है कि ट्रंप का यह संबोधन लूला के भाषण के बाद हुआ जिसमें उन्हें अमेरिका पर निशाना साधा. लूला ने कहा कि ब्राजील का लोकतंत्र सौदेबाजी के लिए नहीं है.
ट्रंप और लूला के बीच हमेशा से टकराव रहा है जिसकी वजह ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की कोशिश के मामले में दोषी ठहराना है.
बोल्सोनारो ट्रंप के राजनीतिक सहयोगी रहे हैं. ट्रंप ने तख्तापलट मामले में ब्राजील पर काफी दबाव डाला था और लूला सरकार से अपील भी की थी कि इस मामले को खत्म कर दिया जाए. लेकिन ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने बोल्सोनारो को 27 साल से ज्यादा की सजा सुनाई.
ट्रंप ने बोल्सोनारो के मुकदमे को रोकने के लिए ब्राजील के निर्यात पर 50% टैरिफ लगा दिया और मुकदमे में शामिल जज व अन्य लोगों पर प्रतिबंध भी लगाए हैं.
इसे लेकर लूला ने UNGA के उद्घाटन भाषण में ट्रंप पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'अभूतपूर्व दबाव के बावजूद, ब्राजील ने प्रतिरोध करने और 40 साल पहले हासिल की गई अपनी लोकतंत्र की रक्षा करने का रास्ता चुना है.'
उन्होंने बोल्सोनारो के मामले के संदर्भ में आगे कहा, 'दुनिया की नजरों के सामने ब्राजील ने सभी महत्वाकांक्षी तानाशाहों और उनके समर्थकों को यह संदेश दिया है कि हमारा लोकतंत्र, हमारी संप्रभुता किसी भी सौदेबाजी के लिए नहीं है.'
लूला के इस कड़े रुख के बावजूद, जब ट्रंप संबोधन के लिए आए तो उन्होंने लूला के लिए नरम शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें एक अच्छा इंसान बताया. इस दौरान ट्रंप ने उम्मीद जताई कि दोनों देश आपस में मिलकर काम करने का रास्ता ढूंढ पाएंगे.
उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहते हुए बहुत अफसोस हो रहा है कि ब्राजील की हालत खराब है और यह आगे भी खराब ही रहेगी. वे तभी अच्छा कर सकते हैं जब वे हमारे साथ काम करें. हमारे बिना, वे असफल होंगे, जैसे दूसरे असफल हुए हैं.'
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