'जेल से भी बुरी' जगह पर 21 साल से कैद है ये शख्स

एक कानून के कारण एक शख्‍स यूके में 21 सालों से अस्‍पताल में कैदनुमा जिंदगी बिता रहा है, ये स‍ब ब्रिटेन के एक दकियानूसी कानून के कारण हो रहा है.

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मां बाप के साथ टोनी (फाइल फोटो) मां बाप के साथ टोनी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 03 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST
  • 21 सालों से अस्‍पताल में कैदनुमा जिंदगी बिताई
  • 2013 में मिली थी अनुमति, लेकिन अस्‍पताल ने नहीं छोड़ा

क्‍योंकि उसे ऑटिज्‍म था, इसलिए उसको 21 साल तक बंधक बनाकर रखा गया. बंधक जेल में नहीं बल्कि असस्‍पताल में बनाकर रखा गया. टोनी ऑटिज्‍म से ग्रस्‍त है. उसकी आज उम्र 44 साल है. लेकिन वह यूके के दकियानूसी कानून के कारण अस्‍पताल में रह रहा है. टोनी की कहानी किसी के दिल में सिहरन पैदा कर सकती है. दरअसल, यूके के 'मेंटल हेल्‍थ एक्‍ट' के कारण इस शख्‍स के साथ हुआ है. ऐसे कई लोग हैं, जो यूके में इस कानून के कारण अस्‍पतालों में भर्ती हैं और अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. टोनी के परिवार वालों का कहना है कि उसे जेल से भी बुरे हालात में रखा गया है.

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अब टोनी के माता-पिता उसे अपने पास रखना चाहते हैं. टोनी की मां ने जब ये कहानी बताई तो ये किसी को भी इमोशनल कर सकती है. डेली मेल के मुताबिक, टोनी की मां पाम हिकमॉट (Pam Hickmott) हैं. उन्‍होंने बताया कि जब उनकी बेटे से बात हुई तो उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा, ' मैं घर वापस आना चाहता हूं, मुझे बुला लो'. चूंकि  टोनी ऑटिज्‍म से ग्रस्‍त है, इसलिए टोनी की मां उन्‍हें फोन पर ठीक से  दिलासा भी नहीं दे पाई. टोनी बार-बार एक ही बात कह रहा था कि उसे घर वापस आना है. टोनी के माता पिता यूके के ईस्‍ट ससेक्‍स में रहते हैं. रॉय की उम्र 81 और पाम की उम्र इस समय 78 साल की है. 

दरअसल, बीबीसी को एक व्हिसलब्‍लोअर ने  तकरीबन एक महीने ये बताया था कि टोनी अस्‍पताल में रहने वाला इकलौता शख्‍स है. इसके बाद ये मामला मीडिया में सामने आया. इस बारे में फिल डिवाइन जोकि उस अस्‍पताल में साल 2015 से 2017 के बीच मौजूद थे. उन्‍होंने बताया कि एक वयस्‍क के लिए इस तरह रहना कितना मुश्किल होता है, ये अपने आप ही समझा जा सकता है. ये एक तरह से अलग जानवर की तरह ही रहना हुआ, जहां टोनी को अलग-थलग छोड़ दिया गया था. उसने कोई अपराध नहीं किया था.
 
इस बारे में टोनी के माता-पिता पाम और रॉय एक लंबे अर्से से इस बारे में जद्दोजहद में लगे हुए थे कि वे कब और कैसे उसे अस्‍पताल से अपने पास लाया जाये. टोनी 'पेशेंट ए' श्रेणी में होने के कारण यूके में मेंटल हेल्‍थ एक्‍ट के तहत साल 2001 से ही वह अस्‍पताल में भर्ती थे. शुरुआत में टोनी के माता-पिता को ये बताया गया था कि उन्‍हें केवल नौ महीने के लिए ही अस्‍पताल में रखा जाएगा. साल 2013 में मनोचिकित्‍सकों ने अस्‍पताल से छोड़ने की बात भी की, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 

टोनी के माता-पिता बताते हैं कि शुरुआती नौ साल में वह अपने बेटे से केवल मीटिंग रूम में ही मिल पाते थे. बीबीसी ने जो हाल में एक खबर टोनी को लेकर की थी, उसमें ये भी सामने आया था कि वह 100 ऐसे मरीज थे 20 साल से अस्‍पताल में थे. 350 ऐसे लोग थे जो एक दशक से अस्‍पतालों में थे. 

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