बामियान की बुद्ध मूर्ति तोड़ने वाला तालिबान अब चीनी निवेश के लालच में कर रहा ये काम

तालिबानी अब अफगानिस्तान की सत्ता चला रहे हैं. लेकिन वह निवेश के लिए चीन की ओर देख रहे हैं. मुसीबत ये है कि पिछली बार सत्ता में रहने के बाद तालिबानियों ने बुतपरस्ती की संज्ञा देते हुए बामियान बुद्ध की मूर्ति को तोड़ दिया था. इसका चीन में भारी विरोध हुआ था.

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तालिबानी सरकार निवेश के लिए चीन की ओर नजरें गढ़ाए बैठी है तालिबानी सरकार निवेश के लिए चीन की ओर नजरें गढ़ाए बैठी है

aajtak.in

  • काबुल,
  • 28 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST
  • पिछली बार सत्ता में रहने के दौरान तोड़ी थी बुद्ध की मूर्ति
  • बुद्ध की प्रतिमा तोड़ने का हुआ था चीन में भारी विरोध

अफगानिस्तान (Afghanistan) में अब तालिबान (Taliban) की सत्ता है. देश चलाने के लिए जरूरी है भारी मात्रा में धन का होना. लेकिन तालिबान आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इतना ही नहीं, जब से तालिबन ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाली है, तब से तमाम देशों ने उस पर पाबंदियां लगा दी हैं. ऐसे में तालिबानी शासक वित्त की आपूर्ति के लिए चीन पर उम्मीद लगाए बैठे हैं. उन्हें आस है कि चीन ही अब उन्हें नकदी की कमी से उबार सकता है. लेकिन मुसीबत इस बात की है कि पहले सत्ता में रहने के दौरान इन्ही कट्टर तालिबानियों ने बामियान बुद्ध की प्रतिमा (Buddha Statue) को नष्ट कर दिया था. 

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बता दें कि चीन (China) में बुद्ध को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है. तालिबानियों की ओर  से बामियान बुद्ध की मूर्ति तोड़ने का वहां काफी विरोध हुआ था. मसलन, तालिबान को भी अब इस बात का अहसास है कि कट्टरवाद का रास्ता उसके विकास और निवेश में सबसे बड़ा बाधक बन सकता है. लिहाजा तालिबान अब चीनी निवेश के लिए बुद्ध की प्रतिमाओं का संरक्षण कर रहा है. मतलब साफ है कि बुद्ध की मूर्ति पर टैंक से हमला करने वाले और नाकाम रहने पर विस्फोट लगाकर तोड़ने वाले तालिबानी अब चीन को लुभाने और रिझाने की तमाम कोशिशें में लगे हैं. 

तालिबान प्रमुख हकुमुल्लाह मुबारिज़ ने कहा कि पहली सदी के बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बनाए गए मठ के अवशेषों को संरक्षित किया जाए. दरअसल, ये एक बड़ा कदम माना जा रहा है जिससे चीन का रुख तालिबान के प्रति नरम हो सकता है. मुबारिज ने कहा कि बुद्ध की प्रतिमाओं और अवशेषों को संरक्षित करना हमारे और चीनियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. हमने इसे अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है. 

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हिंसा का रास्ता अपनाकर सत्ता हथियाने वाले तालिबान के सुर बदल गए हैं. तालिबान प्रमुख मुबारिज ने कभी लड़ाकू यूनिट की कमान संभाली थी. लेकिन अब वो कहते हैं कि लगातार चलने वाला युद्ध और हिंसा के कारण कोई भी देश विकास नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि देश की खनिज संपदा एक समृद्ध भविष्य की कुंजी है, इसका मूल्य $ 1 ट्रिलियन है. दरअसल अब तालिबान ईरान, रूस और तुर्की सहित कई देशों से निवेश की आस लगा रहा है.

बता दें कि 2 दशक पहले जब इस्लामी कट्टर तालिबान पहली बार सत्ता में थे, तो उन्होंने देश के दूसरे हिस्से में बुद्ध की विशाल प्रतिमाओं को उड़ाकर दुनियाभर में आक्रोश फैलाया था. तालिबानियों ने बुद्ध की प्रतिमाओं को बुतपरस्त कहते हुए नष्ट किया और कहा कि अब देश की आवाम को शुद्ध किए जाने की जरूरत है.

 

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